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MP: दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर, नाबालिग बीमार को मालवाहक रिक्शे में अस्पताल ले जाने को हुआ विवश

एक नाबालिग भांजा अपने बीमार मामा को मालवाहक रिक्शे में लिटाकर अस्पताल ले जाने विवश हुआ। रास्ते में पुलिसकर्मियों की नजर पड़ने पर उसे वाहन से अस्पताल पहुंचाया गया। जांच के बाद चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

By Jagran NewsEdited By: PRITI JHAPublished: Mon, 03 Oct 2022 04:30 PM (IST)Updated: Mon, 03 Oct 2022 04:30 PM (IST)
MP: दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर, नाबालिग बीमार को मालवाहक रिक्शे में अस्पताल ले जाने को हुआ विवश
मालवाहक रिक्शे में बीमार मामा को खींचते ले गया नाबालिग भांजा

वाड्रफनगर, जागरण ऑनलाइन डेस्क।  बलरामपुर जिले के नगर पंचायत वाड्रफनगर से मानवता को शर्मशार कर देने वाली तस्वीर सामने आई है।स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि के दावों के बीच यहां एक नाबालिग भांजा अपने बीमार मामा को मालवाहक रिक्शे में लिटाकर सरकारी अस्पताल ले जाने को विवश हुआ। दिल को झकझोर देने वाला ये दृश्य जब रास्ते में पुलिसकर्मियों ने देखी तो उन्होंने उसे वाहन से अस्पताल पहुंचवाया । चिकित्सकों ने जांच के बाद ने उसे मृत घोषित कर दिया। तीन चिकित्सकों की टीम से मृतक का शव परीक्षण कराया गया है। बीमारी और शरीर में खून की कमी को मौत की वजह बताई जा रही है।

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निःशुल्क वाहन सुविधा की जानकारी नहीं

मृतक अशोक पासवान की मौत से पहले मालाहक रिक्शे में भांजा द्वारा उसे अस्पताल ले जाने का कारण जागरूकता की कमी बताई जा रही है। आर्थिक रूप से कमजोर और मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले परिवार के सदस्यों को शायद यह मालूम ही नहीं था कि अस्पताल तक ले जाने निःशुल्क वाहन सुविधा भी मिलती है इसी कारण से न तो उन्होंने किसी को कोई जानकारी दी थी और न ही संजीवनी एक्सप्रेस को काल ही किया था। घर में मालवाहक रिक्शा खड़ा था। आनन-फानन में उसी पर लिटाकर अस्पताल ले जाया जा रहा था।

चढ़ाई के कारण भांजा रिक्शे को धकेलते हुए जा रहा था

शनिवार की शाम अशोक पासवान का स्वास्थ्य ज्यादा खराब हो गया। ऐसे में बिना विलंब किए अस्पताल ले जाने के लिए उन्हें घर में रखे मालवाहक रिक्शा के अलावा कोई दूसरा उपाय नहीं सूझा। बीमार अशोक को मालवाहक रिक्शे में लिटाकर नाबालिग भांजा उसे लेकर अस्पताल के लिए निकल गया। घर से अस्पताल की दूरी लगभग दो किलोमीटर की थी। रास्ते में पुलिस चौकी के सामने से गुजरते समय पुलिस की नजर रिक्शे पर पड़ी। तत्काल पुलिसकर्मी बालक के समीप पहुंचे। सारी जानकारी लेकर तत्काल वाहन से जांच व उपचार के लिए सिविल अस्पताल पहुंचाया। कई स्थान पर चढ़ाई होने के कारण भांजा रिक्शे को धकेलते हुए ले जा रहा था।

नगर पंचायत वाड्रफनगर के वार्ड क्रमांक दो में अशोक पासवान (40) मजदूरी कर जीवनयापन किया करता था। पिछले तीन-चार दिनों से उसकी तबीयत खराब थी। घर में मां, बहन, भांजा साथ रहते है। बहन एवं मां ही उसका उपचार करा रहे थे। यहां जांच के बाद चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शनिवार को शाम हो जाने के कारण शव परीक्षण नही हो सका था।

शरीर में खून की कमी

डॉक्टरों के अनुसार विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारण सामने आएगी। उन्होंने बताया कि मौत बीमारी से ही हुई है। संदेह की कोई स्थिति नहीं है। मृत अशोक पासवान के शव का परीक्षण तीन चिकित्सकों की टीम से कराया गया है। प्रारंभिक रिपोर्ट में शरीर में खून की कमी पाई गई है। बीमारी की वजह से मृतक संभवतः तीन-चार दिनों से कुछ खा भी नहीं सका था। इसलिए पेट भी खाली था।


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