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Chhattisgarh: हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प लेंगे संत, आज होगा सामाजिक समरसता पदयात्रा का समापन

देश भर में समरसता की भावना जगाने और हिंदुत्व का प्रचार प्रसार करने के लिए हजारों संत रविवार को रावणभाठा मैदान में पहुंचेंगे। दरअसल पिछले एक माह से संतों की पदयात्रा चल रही थी जो रविवार को रावणभाटा मैदान में संकल्प धर्मसभा के साथ समाप्त होगी।

By Jagran NewsEdited By: Versha SinghPublished: Sun, 19 Mar 2023 12:21 PM (IST)Updated: Sun, 19 Mar 2023 12:21 PM (IST)
Chhattisgarh: हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प लेंगे संत, आज होगा सामाजिक समरसता पदयात्रा का समापन
आज रायपुर में होगा सामाजिक समरसता पदयात्रा का समापन

रायपुर, जागरण डेस्क। देश भर में समरसता की भावना जगाने और हिंदुत्व का प्रचार-प्रसार करने के लिए हजारों संत रविवार को रायपुर के रावणभाठा मैदान में पहुंचेंगे। दरअसल, पिछले एक माह से संतों की पदयात्रा चल रही थी जो रावणभाटा मैदान में संकल्प धर्मसभा के साथ समाप्त होगी।

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धर्मसभा में संत हिंदू राष्ट्र बनाने का लेंगे संकल्प

बता दें कि इस धर्मसभा में साधु, संत हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प लेंगे। 19 मार्च को राजधानी में होने जा रही संकल्प धर्मसभा की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इसके एक माह पहले छत्तीसगढ़ की चार दिशाओं से हिंदू स्वाभिमान जागरण और सामाजिक समरसता यात्रा निकाली गई थी, जिसका समापन रावणभाठा मैदान में संकल्प धर्मसभा में अनेक संतों के उद्बोधन के साथ होगा।

वहीं, अखिल भारतीय संत समिति, सकल सनातनी समाज एवं विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में होने वाली संकल्प धर्मसभा में हिंदू राष्ट्र, मतांतरण रोकने, नक्सलवाद को बढ़ावा देने वाले लोगों पर अंकुश लगाने संबंधी अन्य मुद्दों पर सभी अपने अपने विचार रखेंगे।

विश्वभर में बजेगा भारत का डंका- संत

पंडरी स्थित विश्व हिंदू परिषद के कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में चित्रकुट धाम से आए राजीव लोचन दास, गोरखपुर गौरेला से पधारे स्वामी परमात्मानंद, कोटमीसुनार से पहुंचे महामंडलेश्वर स्वामी सर्वेश्वर दास ने बताया कि संकल्प धर्मसभा का प्रमुख उद्देश्य सनातन संस्कृति को अक्षुण्ण रखने के लिए सभी में सामाजिक समरसता की भावना जगाना है। जब तक भारत हिंदू राष्ट्र नहीं बन जाता तब तक भारत का वास्तविक विकास नहीं हो सकता। भारत पहले विश्व गुरु कहलाता था, देशभर के लोग यदि सनानत संस्कृति के दिखाए मार्ग पर चलें तो निश्चित रूप से भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा और फिर से विश्वभर में भारत का डंका बजेगा।

संतों ने कहा कि बस्तर और अन्य आदिवासी बहुल इलाकों में मतांतरण की घटनाएं बढ़ रही हैं, इसके लिए इसाई मिशनरियां षडयंत्र रच रही हैं, मतांतरण को रोकने के लिए हिंदू संगठनों के साथ आमजन को भी आगे आना होगा।

छत्तीसगढ़ के चार पवित्र स्थलों मां दंतेश्वरी संत यात्रा दंतेवाड़ा, मां बम्लेश्वरी यात्रा पानाबरस मोहला मानपुर, मां चंद्रहासिनी यात्रा सोधड़ा आश्रम और मां महामाया यात्रा रामानुजगंज बलरामपुर से 18 फरवरी को हिंदू स्वाभिमान जागरण संत पदयात्रा निकाली गई थी। 34 जिलों में लगभग एक हजार गांवों तक 4500 किलोमीटर की दूरी तय करके राजधानी पहुंच चुकी हैं। 19 मार्च को विशाल धर्मसभा होगी।

134 बस्तियों में निकली यात्रा

शनिवार को राजधानी की 134 बस्तियों से समरसता यात्रा निकाली गई। संतों ने सभी लोगों से आह्वान किया कि समाज में बढ़ती विषमता, भेदभाव, जनसंख्या असंतुलन, मतांतरण, गो तस्करी, लव जिहाद आदि समस्याओं के निराकरण के लिए आगे आएं और संतों के नेतृत्व में कदम से कदम मिलाकर चलें।

ये हैं धर्मसभा के मुख्य संकल्प

  • जिहाद का बहिष्कार।
  • गौ तस्करी में लिप्त व्यक्ति और संस्था का बहिष्कार।
  • हिंदू समाज का साप्ताहिक एकत्रीकरण।
  • मंगलवार को अपने क्षेत्र के मंदिर पर हनुमान चालीसा पाठ।
  • घर परिवार में भोजन और भजन करने, साप्ताहिक संगत और पंगत।
  • सभी अपने घरों में शास्त्र और शस्त्र रखने का व्रत लें।

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