पंडरिया में मुख्यमंत्री बघेल ने अधिकारियों संंग की समीक्षा बैठक, कहा- ग्रामीणों की समस्या का तुरंत हो निवारण
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पंडरिया विभासभा क्षेत्र में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और उन्हें कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए जिससे लोगों की समस्याओं का निवारण हो। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे जिम्मेदारी के साथ अपना काम पूरा करें।
नई दिल्ली, जागरण आनलाइन डेस्क। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत पंडरिया विधानसभा के गांव इंदौरी और कूकदूर में ग्रामीणों से रूबरू हुए, उनकी शिकायतें सुनीं और संबंधित अधिकारियों को समस्याओं के जल्द निराकरण का निर्देश दिया।
इंदौरी और कुकदूर में छत्तीसगढ़ सार्वभौम पीडीएस के तहत संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकानों में शक्कर के निर्धारित 17 रुपए प्रति किलो की दर से अधिक दर 20 रुपये में बिकने की शिकायत को गंभीरता से लिया गया। इसके तहत समितियों के विक्रेता के खिलाफ मिली शिकायतों पर जांच करने और कड़ी कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए गए। जिला खाद्य अधिकारी को सतत रूप से शासकीय उचित मूल्य दुकानों अथवा अन्य समूह द्वारा संचालित दुकानों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में आदिवासियों का भी रखा ख्याल
मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना की भी इस दौरान समीक्षा की गई और इस योजना से कबीरधाम जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्रो में संचालित साप्ताहिक हाट बाजारों को जोड़ने का भी निर्देश दिया गया।
लोगों को मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना का लाभ मिल सके इस उद्देश्य से कार्य करने के निर्देश दिए गए। बैठक में जलजीवन मिशन के काम की जानकारी लेते हुए मुख्यमंत्री ने पंडरिया के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था, जैसे हैंड पम्प और पेय जल के अन्य स्रोतों पर गौर फरमाया।
जिले के आदिवासी बैगा बाहुल्य बोड़ला के विकास पर भी बात की गई। जिले के वनांचल क्षेत्रो में विद्युत विस्तार की समीक्षा करते हुए छूटे हुए गांव मजरा टोला में बिजली लाइन विस्तार करने के निर्देश दिए गए। राज्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल गोधन न्याय योजना की समीक्षा करते हुए भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
एनीमिया से जूझ रही महिलाओं की ली गई जानकारी
बैठक में बताया गया कि जिले में 303 गौठान संचालित हैं, 12 आवर्ती चारागाह हैं। मुख्यमंत्री ने ग्राम नरसिंगपुर में आवर्ती चाराई करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की भी समीक्षा की और जिले में रक्ताल्पता या एनीमिया महिलाओं की जानकारी ली।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जिले में मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक के माध्यम से स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए एनीमिक पीड़ित माताओं, बहनों की काउंसलिंग की जा रही है।
मुख्यमंत्री बघेल ने पोषण आहार के प्रति लोगों में जागरूकता लाने और उसे आदत में शामिल करने पर जोर देने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री बघेल ने समीक्षा बैठक में शासन की योजनाओं का व्यापक प्रचार प्रसार करने के भी निर्देश दिए ताकि लाभ उठाने से कोई वंचित न हो। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों की समीक्षा बैठक में उनसे कहा कि वे समय पर कार्यालय पहुंचे।
मुख्यमंत्री के दिए गए कुछ और अहम आदेश
- बरसात समाप्त होने वाली है, खराब सड़कों का मरम्मत और नई सड़कों के निर्माण के लिए कार्य योजना तैयार करें। अपनी जिम्मेदारी के साथ अपने-अपने दायित्व का निर्वहन हो।
- अवैध शराब बिक्री की शिकायतें आ रही हैं। यह बिल्कुल भी नही होना चाहिए। पंडरिया के कुंडा व वनांचल क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री पर तत्काल रोक लगाने और जिम्मेदारों पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के जिला नोडल अधिकारी की कार्यशैली पर कड़ी नाराजगी जताई।
- जुआ सट्टा पर कड़ी कार्यवाही करने के लिए पुलिस अधीक्षक को सख्त निर्देश दिए।
- पटवारी की शिकायतें मिल रही हैं, कार्य के लिए किसानों से पैसा लेन देन की जांच करा कर कार्रवाई करें ताकि जनता को असुविधा न हो।
- मुख्यमंत्री ने आदिवासी क्षेत्रों में देवगुड़ी बनाने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में वन मंत्री मोहम्मद अकबर, विधायक ममता चंद्राकर और शैलेश पांडे भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों से कहा की आत्म संतुष्टि के लिए अपने जिम्मेदारियों का निर्वहन अपना शत प्रतिशत देकर करें। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से शासन की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने के लिए कार्य करने को कहा।
- उन्होंने कोविड काल में हुए प्रशंसनीय कार्य की सराहना की। मालूम हो कि यहां कोविड के दूसरे फेज के पीक में नर्सिंग के लिए ट्रेनिंग भी दी गई थी।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जहां-जहां देवगुड़ी है, वह विकासखण्ड आदिवासी क्षेत्र में आते हैं या नहीं यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि क्षेत्र में स्थित पुजारी को राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत 7,000 रुपए की राशि दी जा सके।
- डीएमएफ निधि से बुनियादी सुविधाओं को स्थानीय लोगों की मांग के अनुरूप और बेहतर करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। साथ ही आदिवासी अंचलों में बिजली कटौती की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने विद्युत अभियंता को विद्युत प्रबंधन को दुरूस्त करने के निर्देश दिए।