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राजधानी में बढ़ा दिया गया 50 फीसदी प्राॅपर्टी टैक्स, मेयर को पता ही नहीं

6 महीने की जद्दोजहद के बावजूद नगर निगम ने राजधानी में प्राॅपर्टी टैक्स 50 फीसदी बढ़ा दिया है। निगम कमिश्नर रजत बंसल ने बुधवार शाम प्रापर्टी टैक्स में वृद्धि का आदेश जारी कर दिया।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 01 Sep 2016 06:26 AM (IST)Updated: Thu, 01 Sep 2016 06:31 AM (IST)
राजधानी में बढ़ा दिया गया 50 फीसदी प्राॅपर्टी टैक्स, मेयर को पता ही नहीं

रायपुरकरीब 6 महीने की जद्दोजहद और राजनीतिक खींचतान के बावजूद नगर निगम ने राजधानी में प्राॅपर्टी टैक्स 50 फीसदी बढ़ा दिया है। निगम कमिश्नर रजत बंसल ने बुधवार शाम प्रापर्टी टैक्स में वृद्धि का आदेश जारी कर दिया। कुछ दिन पहले निगम की मेयर इन कौंसिल (एमआईसी) ने फैसला किया था कि टैक्स 10 से 20 फीसदी तक ही बढ़ाया जाएगा। लेकिन कमिश्नर ने एमआईसी का फैसला भी उलट दिया।

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टैक्स में वृद्धि तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है। अर्थात, अगले साल मार्च में राजधानी के सभी प्रभावित लोगों को टैक्स बढ़ी हुई दर पर ही पटाना होगा। - राज्य शासन ने शहरों में प्रापर्टी टैक्स 50 फीसदी बढ़ाने का आदेश दिया था। जिन नगर निगमों में भाजपा के मेयर हैं, वहां यह लागू भी हो गया।

बोझ को इस तरह समझें
रसीद में प्रॉपर्टी टैक्स के अलावा जलकर, समेकित कर व शिक्षा उपस्कर अलग होता है। वृद्धि केवल प्रापर्टी टैक्स में की गई है। उदाहरणस्वरूप, कोई मकान मालिक 10 हजार रुपए टैक्स जमा कर रहा हो तो उसमें 5 हजार रुपए प्रापर्टी टैक्स, 2400 रुपए जलकर, 600 रुपए समेकित कर व दो हजार रुपए शिक्षा व अन्य तरह के टैक्स होते हैं। प्रापर्टी टैक्स में 50 फीसदी वृद्धि होने पर यह बढ़कर साढ़े 7 हजार रुपए हो जाएगा। अर्थात, बिल की कुल राशि में 25 फीसदी से ज्यादा वृद्धि होगी।

प्रति वर्गफीट 18 से 46 रुपए टैक्स
प्रॉपर्टी टैक्स की गणना वार्षिक भाड़ा मूल्य के आधार पर की जाती है। यह हर वार्ड में अलग है। वार्षिक भाड़ा मूल्य की दरें 18 रुपए से 46 रुपए वर्गफीट तक है। प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ने से इसी दर में वृद्धि होगी। टैक्स की दरें इस तरह तय हुई हैं कि जब टैक्स का कैलकुलेशन हो तो यह राशि पिछले साल से 50 फीसदी ज्यादा ही रहे। निगम प्रशासन ने पिछले साल 1.91 लाख मकानों और खाली प्लॉट से प्रॉपर्टी टैक्स वसूला है। इससे 98 करोड़ रुपए की रेवेन्यू मिली। संपत्ति कर बढ़ने से यह डेढ़ गुना हो जाएगी। जीआईएस ने पिछले साल राजधानी में सर्वे किया था। सर्वे रिपोर्ट में राजधानी में मकानों की संख्या 2.30 लाख आई है। इसमें बड़े-छोटे सभी तरह के निर्माण शामिल हैं। पिछले साल निगम ने 1.90 लाख मकान-निर्माण से टैक्स वसूला था। अर्थात, 40 हजार मकान अब भी टैक्स की जद से बाहर हैं। केवल इन्हें ही टैक्स के दायरे में लाया जाए तो निगम को शहर से 40 करोड़ रुपए और मिलेंगे।

लोगों को राहत देना हमारा उद्देश्य: अमर
नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल का कहना है कि इसमें राज्य शासन का कोई लेना देना नहीं है। नगर-निगम एक्ट के अनुसार सभी निकायों को बढ़ोतरी करनी होगी। पूरे राज्य में सभी निकायों ने पिछले साल ही बढ़ा दिया था। रायपुर में देरी की गई। आम जनता को राहत की दृष्टि से ही 50 फीसदी ही बढ़ाए जाने की खबर है। मंत्री के मुताबिक यह अभी भी कम है।

जनता से धोखा, विरोध होगा : मेयर
रायपुर मेयर प्रमोद दुबे के मुताबिक, प्रॉपर्टी टैक्स 50 फीसदी बढ़ाना शहर की जनता से धोखा है। नगर निगम ने शहर के एक लाख से ज्यादा लोगों की राय ली थी। इसके बाद ही एमआईसी में 10 से 20 फीसदी वृद्धि का प्रस्ताव रखा। शासन को टैक्स बढ़ाना था तो दावा-आपत्ति क्यों मंगवाई। यह जनप्रतिनिधियों का अपमान है। टैक्स वृद्धि के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगे।


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