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बेड मिला न इलाज, पेट दर्द से कराहते पद्मश्री पूनाराम ने त्यागे प्राण

बदन में खुजली और पेट दर्द की शिकायत पर 8 फरवरी की रात 9 बजे अंबेडकर अस्पताल लाए गए मशहूर पंडवानी गायक पद्मश्री पूनाराम निषाद की शनिवार दोपहर 2 बजे मौत हो गई।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 12 Feb 2017 03:56 AM (IST)Updated: Sun, 12 Feb 2017 04:10 AM (IST)
बेड मिला न इलाज, पेट दर्द से कराहते पद्मश्री पूनाराम ने त्यागे प्राण
बेड मिला न इलाज, पेट दर्द से कराहते पद्मश्री पूनाराम ने त्यागे प्राण

रायपुर, निप्र। बदन में खुजली और पेट दर्द की शिकायत पर 8 फरवरी की रात 9 बजे अंबेडकर अस्पताल लाए गए मशहूर पंडवानी गायक पद्मश्री पूनाराम निषाद की शनिवार दोपहर 2 बजे मौत हो गई। 75 वर्षीय पूनाराम वार्ड नंबर 19 में भर्ती थे। परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन ने इलाज में लापरवाही बरती जिससे उनकी जान चली गई। उनके बेटे रोहित के मुताबिक अस्पताल में भर्ती के बाद न उन्हें बेड दिया गया और न ही चादर दी गई। इसके चलते रातभर वे स्ट्रेचर पर ही प़डे रहे। दूसरे दिन भी इलाज शुरू नहीं किया गया। अंतत: तीसरे दिन पेट दर्द से कराहते उनके प्राण उख़ड गए।
रोहित ने बताया कि पिता को अस्पताल लाए जाने के बाद उनका इलाज शुरू करने डॉक्टरों से बार-बार गुहार लगाई, लेकिन 24 घंटे तक इलाज नहीं मिला। कई बार डॉक्टरों-स्टाफ ने धमकीभरे लहजे कहा--क्या तुम्हारे बताने से इलाज करें, अपना काम है... हम कर रहे हैं।
क्या पेट फा़$ड दें?
नईदुनिया टीम अस्पताल पहुंची तब मौत हुए लगभग एक घंटा हो चुका था, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने इसकी जानकारी नहीं दी। सीएमओ ने मुलाकात करने से ही मना कर दिया। इस वक्त परिजन खासे आक्रोशित दिखे। नईदुनिया टीम को बेटे रोहित के साथ उनके दामाद ने व्यथा सुनाई। रोहित के अनुसार डॉक्टर ने यहां तक कह दिया कि पिता को पेट दर्द है तो क्या उनका पेट फा़$ड दें? डॉक्टर से यह सुनकर उनकी आंखें भर आईं थीं। बेड पर ही रखा रहा शव
परिजनों ने बताया कि रायपुर लाने से पहले 2 दिनों तक भिलाई के एक निजी अस्पताल में पूनाराम का इलाज हुआ। वहां 50 हजार रुपए खर्च हो चुके थे, और पैसे नहीं थे, इसलिए सरकारी अस्पताल ले आए। मौत के बाद कागजी कार्रवाई में 2 घंटे लग गए। इसके बावजूद शव उठाने के लिए कोई वार्ड बॉय नहीं था। इसलिए शाम 4 बजे तक शव बिस्तर पर ही रखा रहा। उन्होंने बताया कि पूनाराम को रायपुर लाने के बाद नेता--मंत्रियों से मदद के लिए संपर्क किया, लेकिन किसी से नहीं मिली।
2005 में मिला था सम्मान
पूनाराम निषाद को 2005 में पंडवानी गायन के लिए पद्मश्री सम्मान मिला था। राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने उन्हें पुरस्कार प्रदान किया था। भिलाई के पास ग्राम रिंगनी निवासी पूनाराम ने उधारी लेकर गुजारा किया। इलाज के लिए मदद नहीं मिलने से स्थिति गंभीर होती चली गई।
ब्लड सर्कुलेशन रुका, संभवत: आया अटैक
अस्पताल की ओर से पीआरओ शुभ्रा सिंह ठाकुर ने जानकारी दी कि पूनाराम के शरीर में ब्लड सर्कुलेशन नहीं हो पा रहा था। जब उन्हें अस्पताल लाया गया तभी से हालत गंभीर थी। संभवत: अचानक से हार्ट अटैक आया, जिससे मौत हो गई। अस्पताल लाए जाने के बाद से उनके उपचार में कोई कमी नहीं की गई।

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