स्वाइप मशीन से घबराए कारोबारी, कैश में ही ज्यादा जोर
कुछ क्षेत्रों के कारोबारी स्वाइप से कतरा रहे हैं तथा कैश पर ही जोर दे रहे हैं।
रायपुर, व्याप्र। एक ओर सरकार जहां कैशलेस ट्रांजेक्शन को ब़ढावा देने अभी भी स्वाइप मशीन और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर जोर दे रही है, वहीं कुछ क्षेत्रों के कारोबारी स्वाइप से कतरा रहे हैं तथा कैश पर ही जोर दे रहे हैं।
व्यापारिक सूत्रों का कहना है कि कुछ कारोबारी तो स्वाइप मशीन रहते हुए भी इस डर से स्वाइप नहीं करवा रहे हैं कि उनके खाते में ज्यादा रकम आ जाएगी। इसके साथ ही कुछ कारोबारी स्वाइप मशीन का उपयोग ही नहीं कर रहे हैं। व्यापारी चाहते हैं कि बैंकों को स्वाइप पर शुल्क पूरी तरह से खत्म कर देना चाहिए। ऐसा करने से ही कैशलेस को ब़ढावा मिलेगा, क्योंकि निश्चित रूप से स्वाइप पर चार्ज लगने से उनका घाटा होगा। आईटी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चेतन तारवानी ने कहा कि व्यापारियों को स्वाइप मशीन लेना चाहिए। कैशलेस ट्रांजेक्शन से फायदा ही होगा।
उपभोक्ताओं की जेब पर भी प़$ड सकता है असर
बाजार के सूत्रों का कहना है कि स्वाइप मशीन से ट्रांजेक्शन तो काफी अच्छी बात है। इससे काफी फायदा ही होगा। लेकिन इससे आम उपभोक्ताओं की जेब था़ेडी ज्यादा कट सकती है, क्योंकि जैसे ही बैंकों द्वारा स्वाइप पर कारोबारियों से टैक्स लेना शुरू होगा। कारोबारी अपना मार्जिन ज्यादा ब़$ढाने तथा ज्यादा लाभ कमाने कीमतों में ब़ढोतरी करेंगे। इससे उपभोक्ताओं की जेब पर भी असर होगा।
स्वाइप मशीन का यह है प्रोसेस--
जिस बैंक से आप स्वाइप मशीन लेना चाहते है, उस बैंक में चालू खाता खोलना होगा। इसके बाद बैंक से आप स्वाइप मशीन के लिए आवेदन करेंगे। अभी 30 दिसंबर तक बैंकों द्वारा स्वाइप मशीन के लिए इन्साटॉलेशन चार्ज फ्री दिया जा रहा है। इसके साथ ही टैक्स भी माफ है। लेकिन दिसंबर के बाद से इन्टालेशन चार्ज व टैक्स दोनों लिया जाएगा।