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छत्तीसगढ़ के नक्सलियों ने दी शौचालय निर्माण की सहमति

नक्सली किसी भी सूरत में जनता का जनाधार खोना नहीं चाहते। इसके चलते अब उन्होंने शौचालय निर्माण की मौन सहमति दे दी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 23 Dec 2016 03:52 AM (IST)Updated: Fri, 23 Dec 2016 04:09 AM (IST)
छत्तीसगढ़ के नक्सलियों ने दी शौचालय निर्माण की सहमति

नईदुनिया, रायपुर/कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर में मोदी के शौचालय मैजिक ने नक्सलियों को भी उलझा दिया है। शुरुआती दौर में नक्सलियों ने अति संवेदनशील गांवों में पहुंचकर ग्रामीणों को चेतावनी दे दी थी कि शौचालय का निर्माण कराया तो परिणाम अच्छा नहीं होगा। लेकिन गांवों में हुई कई दौर की बैठकों, विशेषकर महिलाओं द्वारा शौचालय निर्माण पर जोर देने व यह संदेश नक्सलियों तक पहुंचाने के बाद वे भी असमंजस में फंस गए हैं। नक्सली किसी भी सूरत में जनता का जनाधार खोना नहीं चाहते। इसके चलते अब उन्होंने शौचालय निर्माण की मौन सहमति दे दी है।
एक तरफ जहां कई ग्राम पंचायतें व विकासखंड ओडीएफ बन गए हैं या फिर बनने की राह पर हैं, वहीं सुदूर अंचल के नक्सल प्रभावित बहुत से गांवों में आज भी शौचालय का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। इसकी वजह नक्सली धमकी है। ग्रामीण सूरज विश्वास ने बताया कि नक्सली नहीं चाहते कि ग्रामीण सरकारी मदद से शौचालय बनाएं। ऐसा होने पर सरकार के प्रति उनका झुकाव बढ़ जाएगा, जो नक्सलियों के हित में नहीं है। यही वजह है कि उन्होंने गांव-गांव घूमकर शौचालय निर्माण न कराने की चेतावनी दी थी।
दुर्गूकोंदल, अंतागढ़ व कोयलीबेड़ा के अतिसंवेदनशील दर्जनों गांव ऐसे हैं, जहां आज भी शौचालय न के बराबर है। इनमें पानीडोबिर, मरकानार, आलपरस, कागबरस, डूटा, गुंदूल, मर्रा, गु़$डाबेड़ा जैसे गांव शामिल हैं। कई गांवों में नक्सली चेतावनी के चलते रेत-ईंट लाकर व गड्ढा खोदकर भी निर्माण शुरू नहीं किया गया। मगर पिछले कुछ दिनों से शौचालय निर्माण में गति आ रही है, जो इस बात का संकेत है कि नक्सलियों को बैकफुट पर जाकर ग्रामीणों का फैसला स्वीकार करना पड़ा है।

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