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पॉवरग्रिड कॉर्पोरेशन ने सीएसआर मदद से कराया निर्माण, छात्रों के लिए सुविधा हुई आसान

पॉवरग्रिड कॉर्पोरेशन ने विवि को तोहफे के तौर पर चार करोड़ रुपये की लागत से बने पॉवरग्रिड छात्रावास की सौगात दी।

By Krishan KumarEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 06:00 AM (IST)
पॉवरग्रिड कॉर्पोरेशन ने सीएसआर मदद से कराया निर्माण, छात्रों के लिए सुविधा हुई आसान

पं. रविशंकर शुक्ल विवि में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) मदद के तहत बने हॉस्टल्स से स्नातकोत्तर व शोध कर रहे छात्रों के लिए सुविधा आसान हो गई है। विवि में छात्रावास की बेहद कमी थी। विवि की ओर से लगातार उद्योगों व कंपनियों से संपर्क किया गया। आखिरकार पॉवरग्रिड कॉर्पोरेशन ने विवि को तोहफे के तौर पर चार करोड़ रुपये की लागत से बने पॉवरग्रिड छात्रावास की सौगात दी। इससे यहां पढ़ने वालों के लिए राह आसान हो गई। इस छात्रावास में आरक्षण के हिसाब से विद्यार्थियों को कमरा दिया जा रहा है। इसके तहत सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 18, पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 33, अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 12 और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 14 सीटें दी गई हैं।

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सारी सुविधाएं अत्याधुनिक
पॉवरग्रिड कॉर्पोरेशन की ओर से सौगात में मिले इस छात्रावास में सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। खासकर वाई-फाई, दैनिक समाचार पत्र व पत्रिकाओं की सुविधा है। भोजन के लिए बाकायदा मेस की व्यवस्था होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई आसान हो गई है। रविवि के अधिकारियों के मुताबिक इस छात्रावास में नीचे 18 कमरे और ऊपर भी 18 कमरे हैं। हर कमरे में ट्रिपल सीट होने से ऊपर-नीचे 54-54 मिलाकर 108 विद्यार्थियों को हॉस्टल की सुविधा मिल रही है।

विवि की आमदनी भी बढ़ रही
विवि की इस हॉस्टल्स की वजह से आमदनी भी बढ़ी है। बतौर प्रवेश शुल्क से 4,560 रुपये, निधि शुल्क 5,320 रुपये, कॉशन मनी 22,800 रुपये, रूम किराया से 1,24,800 रुपये, विद्युत शुल्क से 74,820 रुपये, गेस्ट शुल्क से कुल 2,41,240 रुपये मिल रहा है।

अन्य छात्रावासों में भी सुविधाएं

छात्रावास का नाम    कुल छात्र
गांधी छात्रावास          70
आजाद छात्रावास        56
महिला छात्रावास        268

छात्राओं के लिए बढ़ी सुविधा
सीएसआर मद के तहत पॉवरग्रिड कॉर्पोरेशन के सौजन्य से यह सौगात मिली है। इसमें छात्रों के आवासीय अध्ययन के लिए सुविधा मिल रही है। ऐसे और भी प्रयास किए जा सकते हैं, जो कि छात्रहित में हों। - डॉ. केशरीलाल वर्मा, कुलपति. पं. रविवि।


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