शराब दुकानों का नहीं होगा ठेका, हाईवे के बार होंगे बंद
शराब दुकानों के खिलाफ पूरे छत्तीसग़ढ में हो रहे आंदोलन से दबाव में आई सरकार ने आबकारी नीति में बदलाव का निर्णय लिया है।
रायपुर, ब्यूरो। शराब दुकानों के खिलाफ पूरे छत्तीसग़ढ में हो रहे आंदोलन से दबाव में आई सरकार ने आबकारी नीति में बदलाव का निर्णय लिया है। नईदुनिया की मुहिम के बाद अब सरकार शराब दुकानों के ठेके नहीं देगी। हाईवे के बार बंद किए जाएंगे और गांव-गांव में कोचियों के धंधे पर रोक लगाने के लिए शराब दुकानों का संचालन सरकारी निगम के हवाले किया जाएगा। सरकार ने शराबबंदी की ओर कदम ब़ढाते हुए आबकारी नीति में सुझाव देने के लिए 11 सदस्यीय समिति का गठन करने का एलान किया है। समिति पूर्ण शराबबंदी वाले राज्यों और उन राज्यों का दौरा करेगी, जहां शराब दुकान का संचालन सरकार करती है। यह समिति तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
बुधवार को मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक में शराबबंदी का मुद्दा छाया रहा। बैठक के बाद आबकारी मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि आबकारी नीति में ब़$डा बदलाव किया गया है। शराब दुकानों की नीलामी पूरी तरह खत्म होगी। शराब की खुदरा बिक्री आबकारी निगम करेगा। दुकानों को ठेकेदार चलाते हैं तो उनका पूरा ध्यान ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने पर होता है। वे गांवों में शराब की अवैध सप्लाई कराते हैं, जिससे आक्रोश फैलता है। छत्तीसग़ढ में नई आबकारी नीति बनाई जाएगी। आबकारी सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाई जा रही है, जिसमें एनजीओ, शराबबंदी से जु़डी महिलाएं, सांसद, विधायक और अफसर शामिल होंगे। यह समिति शराबबंदी वाले राज्यों गुजरात, बिहार का दौरा कर वहां की परिस्थिति का अध्ययन करेगी। समिति तमिलनाडु, केरल व दिल्ली का भी दौरा करेगी। इन राज्यों में शराब दुकानों का संचालन सरकार करती है। यह समिति तीन महीने में सरकार को अनुशंसा देगी, जिसके आधार पर नई आबकारी नीति बनाई जाएगी।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रदेश में शराब दुकानों की संख्या नहीं ब़ढाई जाएगी। हाईवे की दुकानों को हाईवे से 5 सौ मीटर दूर किया जा रहा है। इस पर कुछ लोग बेवजह भ्रम फैला रहे हैं। अभी 710 दुकानें हैं, अगर हाईवे से दूर जगह मिली तो इतनी ही दुकानें रखी जाएंगी। हाईवे पर स्थित बार बंद किए जाएंगे। ऐसे बारों के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं होगा। कैबिनेट में फिलहाल पूर्ण शराबबंदी पर चर्चा नहीं हुई है।आबकारी मंत्री ने नीति बदलने का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी मंत्रियों ने समर्थन दिया।
सीएस की अध्यक्षता में गठित होगा निगम
आबकारी निगम के चेयरमैन मुख्य सचिव विवेक ढांड होंगे। इसमें आबकारी सचिव व वित्त सचिव डायरेक्टर होंगे। इस शासकीय उपक्रम को शराब बेचने का एकाधिकार होगा। वे सेल्समैन की नियुक्ति करेंगे और बाकी व्यवस्था भी देखेंगे।
एक व्यक्ति को चार बोतल से ज्यादा नहीं
कोचियों और शराब की अवैध बिक्री पर प्रतिबंध जरूरी है। सरकारी दुकान होगी तो कोचियों को शराब नहीं मिलेगी। एक व्यक्ति को चार बोतल से ज्यादा शराब नहीं दी जाएगी। इससे अवैध कारोबार पर अंकुश लगेगा।