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जोगी ने सरकार पर कसा तंज, कहा- घोड़ा दौड़ाने वालों को घुड़सवारी आनी चाहिए

छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) पार्टी ने सोमवार को पाटेकोहरा बैरियर के सामने प्रदर्शन किया। इसमें पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने पहले उन्होंने सभा ली।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 03 Aug 2016 06:50 AM (IST)Updated: Wed, 03 Aug 2016 06:56 AM (IST)
जोगी ने सरकार पर कसा तंज, कहा- घोड़ा दौड़ाने वालों को घुड़सवारी आनी चाहिए

रायपुरछत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) पार्टी ने सोमवार को पाटेकोहरा बैरियर के सामने प्रदर्शन किया। इसमें पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने पहले उन्होंने सभा ली। वहां उन्होंने सीधे राज्य सरकार पर तंज कसा और कहा कि घोड़ा दौड़ाने के लिए घुड़सवारी आनी चाहिए। मेरे शासनकाल में अफसर हो या कर्मचारी सभी काम करते थे। मुझे घुड़सवारी आती है। इसलिए मैं जिधर इशारा करूं, घोड़ा वहीं जाता था, जबकि अभी स्थिति दूसरी है। सभा बाद कार्यकर्ता बैरियर का घेराव करने आगे बढ़े, 76 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

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मंच से भी ट्रांसपोटर्स ने अपनी समस्याएं जोगी को बताईं। उन्होंने कहा कि मुंबई से चिचोला आने में ट्रक चालक को 24 घंटे लगते हैं, जबकि चिचोला से 200 किमी तक का सफर करने में 10 घंटे का समय लग जाता है।

आरटीओ के फ्लाइंग स्कवाड को स्थाई पोस्ट बना दिया है। जहां पहले एक उड़नदस्ता टीम होती थी, वहां 6-6 टीम लगा दी गई है। बताया कि दूसरे स्टेट से आनी वाली गाड़ियों से 8 हजार रुपए तक वसूला जाता है। इस दौरान योगेश तिवारी, विनोद तिवारी, मेहुल मारू, कुतुबुद्दीन सोलंकी, संतोष पिल्ले, जरनैल सिंह भाटिया आदि मौजूद थे।

यदि हमारी सरकार बनी तो बैरियर ही हटा देंगे: जोगी

जोगी ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में छजकां की सरकार बनी तो प्रदेश के सारे बैरियरों को हटा दिया जाएगा। ट्रांसपोर्टरों ने सीधा आरोप लगाया कि बैरियर का रुपया हर किसी के पास जाता है। यहां पैसा उन्हें नहीं चाहिए। वसूली को बंद कराया जाएगा। सरकार का बजट एक लाख करोड़ रुपए है, इसमें 2 से 3 सौ करोड़ रुपए परिवहन से मिलते हैं, मैं उसे बंद करा दूंगा। ऐसा पैसा नहीं चाहिए, जो मेरे परिवहन संघ के भाईयों का दिल दुखाकर लिए जा रहे हों।

माइक थामी तो शुरू हुई बारिश, जोगी ने ली चुटकी
जोगी के हाथ में माइक आते ही बारिश होने लगी। वे बोले, देखो मेरे भाषण के समय ही बारिश हो रही है। यानी इंद्रदेव मुझे आशीर्वाद देने आए हैं। फिर मुस्कुराए और कहा कि बारिश तो होनी भी चाहिए। भाषण खत्म होने वाला ही था कि बारिश रुकने लगी। फिर वे बोले, देखा मुझे अब जाना है, इसलिए पानी रुक गया। जब चाहूं तब पानी रुकवा सकता हूं। मुझसे बड़ा कोई बैगा नहीं है। इसे सुनकर वहां मौजूद कार्यकर्ताआें के ठहाके नहीं रुके।


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