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नक्सली ब्लास्ट में घायल सैनिक शहीद

नक्सली ब्लास्ट में गंभीर रूप से घायल सैनिक अभय जब्बा की रायपुर के एक निजी अस्पताल के दौरान मौत हो गई। जब्बा को 22 सितंबर को धमाके में घायल होने के बाद इलाज के लिए रायपुर में भर्ती किया गया था। बटालियन में सोमवार सुबह शहीद की पार्थिव देह को सलामी दी गई। इसके बाद उन्हें गृृहग्राम रवाना किया गया।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 18 Oct 2016 05:27 AM (IST)Updated: Tue, 18 Oct 2016 05:43 AM (IST)
नक्सली ब्लास्ट में घायल सैनिक शहीद

रायपुर, ब्यूरो। नक्सली ब्लास्ट में गंभीर रूप से घायल सैनिक अभय जब्बा की रायपुर के एक निजी अस्पताल के दौरान मौत हो गई। जब्बा को 22 सितंबर को धमाके में घायल होने के बाद इलाज के लिए रायपुर में भर्ती किया गया था। माना की चौथी बटालियन में सोमवार सुबह शहीद की पार्थिव देह को सलामी दी गई। इसके बाद उन्हें गृृहग्राम रवाना किया गया।
गृृहमंत्री रामसेवक पैकरा, डीजी एएन उपाध्याय, स्पेशल डीजी नक्सल ऑपरेशन डीएम अवस्थी, एडीजी सीएएफ संजय पिल्लई, डीआईजी एसआईबी सुंदरराज पी समेत पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारियों ने शहीद को श्रद्घांजलि दी। गृृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने कहा कि नक्सली विकास कार्यों में बाधक बन रहे हैं। हमारे जवान इनके खात्मे के लिए लगातार ल़डाई ल़ड रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही राज्य से नक्सल समस्या खत्म होगी। स्पेशल डीजी डीएम अवस्थी ने कहा कि नोएडा में पक़डे गए 11 नक्सलियों को लेकर लगातार यूपी एटीएस से संपर्क बना हुआ है। छत्तीसग़ढ पुलिस की एक टीम जल्द ही नक्सलियों से पूछताछ के लिए नोएडा रवाना होगी।

नक्सलियों का फूड सप्लायर गिरफ्तार
दंतेवा़डा, ब्यूरो। नक्सलियों के लिए रेकी करने के साथ ही हाट-बाजार से सामान पहुंचाने वाले एक लाख रुपए के इनामी नक्सली को पुलिस ने तुमनार बाजार से गिरफ्तार किया है। दो नक्सलियों ने एसपी के समक्ष आत्मसमर्पण भी किया है।
दंतेवा़डा पुलिस ने दो दिन पहले गीदम के तुमनार से दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष नारायणपुर के पीडियाकोट निवासी भदरू पोडियामी पिता हि़डमा [25] को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में उसने बताया कि वह गीदम, तुमनार और बारसूर क्षेत्र में फोर्स के मूवमेंट पर निगरानी रखने के साथ ही नक्सलियों को जरूरत का सामान पहुंचाता था। वर्ष 2005 में वह इंद्रावती एरिया कमेटी सचिव सपनक्का से जु़डा। 2009 में गिरफ्तारी हुई और एक साल में रिहा भी हो गया। इसके बाद फिर संगठन से जु़ड गया।
इधर सुकमा जिले का कुकानार निवासी गंगा मुचाकी पिता भीमा ([30)] व मनकापाल निवासी म़डकम देवा पिता ह़डमा मुरिया ([30)] ने एसपी के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। गंगा ने बताया कि नक्सलियों को उस पर शक हो गया था, इसलिए 12 दिनों तक जंगल में बंधक बनाकर रखा था। किसी तरह रस्सी खोलकर वह दूधीरास सीआरपीएफ कैंप तक पहुंचा और समर्पण की इच्छा जताई। कुन्ना पहा़$डी मुठभ़ेड में भी वह शामिल था। गंगा कटेकल्याण एरिया कमेटी से जु़$डा था। वहीं म़डकम देवा 2011 में नक्सली संगठन से जु़डा। वह केरलापाल में एलओएस सदस्य के रूप में काम कर रहा था।

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