Move to Jagran APP

इंद्राणी दास ने जुलाई 2010 में अंतिम बार खुद बैंक जाकर ली पेंशन

ट्रिपल मर्डर केस में नया खुलासा हुआ है। इंद्राणी दास वर्ष 2004-05 में रिटायर्ड होने के बाद से जुलाई 2010 तक लगातार खुद बैंक जाकर पेंशन ली।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 11 Feb 2017 02:09 AM (IST)Updated: Sat, 11 Feb 2017 02:17 AM (IST)
इंद्राणी दास ने जुलाई 2010 में अंतिम बार खुद बैंक जाकर ली पेंशन
इंद्राणी दास ने जुलाई 2010 में अंतिम बार खुद बैंक जाकर ली पेंशन

नई दुनिया, रायपुर। ट्रिपल मर्डर केस में नया खुलासा हुआ है। मंत्रालय स्थित सांख्यिकी एवं आर्थिक संचालनालय में उपसंचालक रही इंद्राणी दास वर्ष 2004-05 में रिटायर्ड होने के बाद से जुलाई 2010 तक लगातार खुद बैंक जाकर पेंशन ली। बैंक और विभाग के पास इसके दस्तावेज मौजूद हैं। उसके बाद से इंद्राणी का न तो कोई पता चला और न ही परिजनों की ओर से कोई जानकारी दी गई। फिर मां के खाते से उदयन हर महीने फर्जी तरीके से पेंशन की रकम निकालता रहा।
सीएसपी राजवी शर्मा ने बताया कि भोपाल पुलिस में मिले दस्तावेजों और आरोपी के बयानों की तस्दीक विशेष टीम बारीकी से कर रही है। इस हत्याकांड में कई राज खुलना बाकी है। आशंका है कि अभी भी उदयन ने कई बातें पुलिस को नहीं बताई है। लिहाजा उदयन को प्रोडक्शन वारंट पर कोलकाता से यहां लाकर विस्तृृत पूछताछ की जाएगी। इसके बाद ही सारी स्थितियां साफ होंगी।

loksabha election banner

भोपाल से नहीं लौटी टीम
सीरियल किलर उदयन की हिस्ट्री खंगालने पिछले तीन दिनों से भोपाल में डटी रायपुर पुलिस की टीम नहीं लौटी है। अफसरों का कहना है कि अभी एक-दो दिन और लग सकते हैं। टीम ने भोपाल में रह रहे उदयन की मौसी, मौसा और अन्य रिश्तेदारों से प्रारंभिक पूछताछ की है। वहीं बांकुड़ा, कोलकाता पुलिस से मिले आरोपी के बयानों के इनपुट के आधार डीडीनगर पुलिस ने भी अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है।
पैसे की खातिर बना सीरियल किलर
पुलिस सूत्रों ने बताया कि उदयन ने मां-बाप को मारने के बाद उनके बैंक अकाउंट से धीरे-धीरे करके लाखों रुपये निकाले। कई एफडी भी तुड़वाई। वह सारे पैसे रिच लाइफ स्टाइल और शौक पूरा करने में खर्च करता रहा। महंगे गैजेट्स और घूमने-फिरने में ही उसने 20 लाख से ज्यादा उड़ा दिए। उदयन को पैसे कमाने का जुनून जरूर था, लेकिन जब मां-बाप और आकांक्षा के बैंक खाते में लाखों रुपये जमा होने का उसे पता चला तो उस रकम को हासिल करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से तीनों की हत्या कर दी। वह साइको नहीं, बल्कि सीरियल किलर है। हालांकि उसने पुलिस को दिए गए बयान में मां-बाप को मारने के पीछे यह कारण बताया है कि वे उसकी जिंदगी बनाने के बजाय बढ़ाई का बोझ लादकर इंजीनियर बनाने पर आमदा थे, जबकि वह बिजनेस करना चाहता था। उसकी एक भी इच्छा परिजनों ने पूरी नहीं की।
विभाग में नहीं है इंद्राणी के साथ काम करने वाले
मंत्रालय स्थित सांख्यिकी एवं आर्थिक संचालनालय के कई अफसरों से का कहना था कि मप्र से अलग होने के बाद इंद्राणी कुछ सालों के लिए विभाग में उपसंचालक थीं। उनके साथ काम करने वाला कोई भी अधिकारी-कर्मचारी फिलहाल यहां पदस्थ नहीं है। अधिकांश तो रिटायर हो चुके। उन्होंने कहा कि वे इंद्राणी से कभी नहीं मिले, सिर्फ इतना बता सकते हैं कि उन्होंने रिटायर होने के बाद से जुलाई 2010 तक हर महीने पेंशन खुद ही बैंक से ली है। उनका कहना था कि इंद्राणी दास की मौत की जानकारी उन्हें अखबारों से मिली। पुलिस भी उनके बारे में जानकारी लेने आई थी।

प्रेमिका की हत्या करने वाला साइको किलर पुलिस के साथ पहुंचा रायपुर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.