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छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना को लागू, मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद जारी हुआ आदेश

एक नवंबर 2004 से 31 मार्च 2022 तक एनपीएस खाते से जमा कर्मचारी अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश सरकारी कर्मचारियों को एनपीएस नियमों के अंतर्गत ही दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने नवीन अंशदायी पेंशन योजना के खाते में जमा राशि राज्य सरकार को देने से इनकार कर दिया है।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarPublished: Tue, 24 Jan 2023 10:45 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jan 2023 10:45 PM (IST)
छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना को लागू, मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद जारी हुआ आदेश
छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गई।

राज्य ब्यूरो, रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गई है। मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद वित्त विभाग ने भी इसके लिए आदेश जारी कर दिया है। योजना के मुताबिक कर्मचारियों को विकल्प दिया जाएगा कि वह नई अथवा पुरानी पेंशन योजना में से किसका लाभ लेना चाहते हैं। इसके लिए कर्मियों को शपथ-पत्र देना होगा। एक बार विकल्प देने के बाद कर्मचारी इसमें बदलाव नहीं कर सकेंगे।

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कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की गई बहाल 

राज्य शासन के पेंशन योग्य स्थापना में एक नवंबर 2004 को अथवा उसके बाद 31 मार्च 2022 तक नियुक्त समस्त कर्मचारियों के नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना बहाल की गई है। पुरानी पेंशन योजना का विकल्प लेने वाले कर्मियों को एक अप्रैल 2022 की तिथि से ही छत्तीसगढ़ प्रोविडेंट फंड (सीजीपीएफ) का सदस्य माना जाएगा। साथ ही सामान्य भविष्य निधि भी नियमों के अनुसार लागू होगी।

पेंशन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच तकरार 

बता दें कि एक नवंबर 2004 से 31 मार्च 2022 तक एनपीएस खाते से जमा कर्मचारी अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश सरकारी कर्मचारियों को एनपीएस नियमों के अंतर्गत ही दिया जाएगा। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने नवीन अंशदायी पेंशन योजना के खाते में जमा राशि राज्य सरकार को देने से इनकार कर दिया है।

इसके कारण पुरानी पेंशन योजना का विकल्प लेने वाले सरकारी कर्मियों को सेवानिवृत्त अथवा मृत्यु के प्रकरण में उनके एनपीएस खाते में जमा शासकीय अंशदान और उस पर आहरण दिनांक को अर्जित लाभांश की राशि सरकारी कोष में जमा करनी पड़ेगी। इस राशि को भविष्य के पेंशनरी दायित्वों के भुगतान के लिए लोक लेखे के अंतर्गत अलग से रखा जाएगा और प्रतिवर्ष पिछले वर्षों के पेशनरी दायित्वों के चार प्रतिशत के बराबर की राशि पेंशन निधि में निवेशित की जाएगी।

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