दंतेवाड़ा के आवासीय स्कूल में दिव्यांग बच्चों ने उठाई लकडिय़ां
दंतेवाड़ा में दिव्यांग बच्चों के लिए संचालित सक्षम आवासीय दिव्यांग विद्यालय में मासूम दिव्यांग बच्चियों से लकडियोंं का बोझ उठवाया गया। इससे स्कूल विवादों में आ गया है।
रायपुर, ब्यूरो। दंतेवाड़ा में दिव्यांग बच्चों के लिए संचालित सक्षम आवासीय दिव्यांग विद्यालय में मासूम दिव्यांग बच्चियों से लकडियोंं का बोझ उठवाया गया। इससे स्कूल विवादों में आ गया है। छत्तीसग़ढ के इस पहले और एकमात्र बाधारहित विद्यालय का उद्घाटन 2015 में अपने दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। मूक, बधिर तथा हैंडीकैप्ड दिव्यांग तीन बच्चियों से तीन माह पहले काटे गए प़ेड के मोटे--मोटे तने उठवाए गए। दिव्यांग बच्चों के अधिकारों के लिए काम कर रहे कवर्धा के एक एनजीओ सुनील कुमार साहू की शिकायत को अब न्यायालय आयुक्त दिव्यांगजन ने संज्ञान में लिया है और दंतेवाड़ा कलेक्टर को जांच करने का आदेश दिया है।
दंतेवाड़ा का सक्षम आवासीय बाधारहित विद्यालय राजीव गांधी शिक्षा मिशन के अंतर्गत संचालित है। यहां बालिकाओं और बालकों के लिए अलग--अलग हॉस्टल हैं जिनमें कुल लगभग 5 सौ बच्चे अध्ययनरत हैं। एनजीओ का आरोप है कि इस साल जून में विद्यालय के आवासीय परिसर में कुछ प़ेड काटे गए थे जिनके तनों को कई दिनों तक तीन मासूम बच्चियों से उठवाया गया। विद्यालय में मोबाइल ले जाने पर भी प्रतिबंध है लेकिन जब लगातार कई दिनों तक शिकायत मिली तो किसी ने चुपके से सक्षम के शिक्षकों के इस कृृत्य का वीडियो बना लिया। इसकी शिकायत कलेक्टर सौरभ कुमार व जिला शिक्षा अधिकारी सुभाष गंजीर से की गई पर मामले को दबा दिया गया। कलेक्टर से इस संबंध में चर्चा करने नईदुनिया ने कई प्रयास किए, उन्हें मैसेज भी किया गया पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
एमएल पांडेय, अपर संचालक, समाज कल्याण विभाग ने बताया कि दिव्यांग आवासीय विद्यालयों में बच्चे कप़डे धोना, साफ-सफाई आदि काम खुद ही करते हैं। यह ऐसा ही है जैसे अपने घरों में भी अपना काम बच्चे करते हैं। अगर कहीं बाहर ले जाकर काम कराया जाता है तो हम अपराध दर्ज कराते हैं। इसके लिए क़डे नियम हैं।