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कभी जोगी के समर्थक रहे डहरिया ने कहा- मेरी मां की चिता पर न करें राजनीति

डहरिया ने बयान में कहा कि अमित जोगी व पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी पर अंग्रेजों की तर्ज पर ‘फूट डालो और राजनीति करो’ वाला काम करने का आरोप लगाया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 17 Jul 2016 06:46 AM (IST)Updated: Sun, 17 Jul 2016 06:53 AM (IST)
कभी जोगी के समर्थक रहे डहरिया ने कहा- मेरी मां की चिता पर न करें राजनीति

रायपुरडहरिया हत्याकांड में पुलिस की जांच तेज होने के साथ ही राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है। कुछ समय पहले तक कुछ समय पहले तक अजीत जोगी के कट्टर समर्थक रहे पूर्व विधायक शिव डहरिया ने जोगी पर पर गंभीर आरोप लगा दिए। उन्होंने कहा कि मेरी मां की चिता पर अमित जोगी की ओछी एवं घटिया राजनीति सतनामी समाज की भावनाओं को आहत करने वाली है।

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डहरिया ने बयान में कहा कि अमित जोगी व पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी पर अंग्रेजों की तर्ज पर ‘फूट डालो और राजनीति करो’ वाला काम करने का आरोप लगाया है। जोगी एक सतनामी को दूसरे सतनामी से लड़ाकर, छोटे भाई को बड़े भाई से लड़ाकर अपनी रोटी सेंक रहे हैं।


डहरिया ने अजीत जोगी के राजनीतिक हश्र के लिए अमित जोगी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उनके फर्जीवाड़े, मेरी स्वर्गवासी माता और गंभीर रूप से घायल पिता के अपमान की वजह से सतनामी समाज में आक्रोश है।

डहरिया का दावा है कि पूर्व मंत्री डीपी धृतलहरे ने उनके खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है। बल्कि आज जो बयान अखबारों में धृतलहरे के हवाले से छपा है वह जोगी के बंगले से फर्जी बयान बनाकर जारी किया गया है।

आकाओं को खुश करने डहरिया कर रहे बेतुकी बयानबाजी : अमित

जोगी के पुत्र अमित जोगी ने शिव डहरिया के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि अपने आकाओं को खुश करने के लिए वे बेबुनियाद और निराधार आरोप लगा रहे हैं।

अमित ने कहा कि पिछले दो दिनों में उन्होंने बिना तथ्यों के दो बार मुझपर आरोप लगाया है। डीपी धृतलहरे के बयान को लेकर फिर से उन्होंने मेरा नाम घसीटा है। ऐसा लगता है उनको कुछ दिन के लिए मेरे खिलाफ बोलने का ठेका दिया गया है।

उन्होंने कहा कि अब यदि मेरे खिलाफ उन्होंने कोई भी आरोप बिना प्रमाण के लगाया तो मैं उन पर सख्त कानूनी कार्रवाई करूंगा। जोगेरिया से पीड़ित लोगों द्वारा लॉलीपॉप पाने की लालसा में वे अपना मानसिक संतुलन पूरी तरह खो बैठे हैं।

अमित ने कहा- उनके माता-पिता पर जो दुखद हमला हुआ है, उसकी वजह से ही वे आज खबरों में हैं। वे इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना का राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि हादसे के पहले वे राजनीतिक रूप से गुमनामी का जीवन जी रहे थे।


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