टेप कांड में जांच मुख्य सचिव से नहीं, चुनाव आयोग से कराना चाहती है कांग्रेस
अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार मंतूराम पवार की नाम वापसी के लिए हुई कथित सौदेबाजी का टेप उजागर होने के बाद कांग्रेस ने नया मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश कांग्रेस ने केंद्रीय चुनाव आयोग को पत्र लिखा है।
रायपुर। अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार मंतूराम पवार की नाम वापसी के लिए हुई कथित सौदेबाजी का टेप उजागर होने के बाद कांग्रेस ने नया मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश कांग्रेस ने केंद्रीय चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। इसी प्रकार राज्य के मुख्य सचिव से अंतागढ़ उपचुनाव में हुए लेन-देन की जांच कराने पर कांग्रेस ने आपत्ति की है।
प्रदेश कांग्रेस ने आयोग से मांग की है कि पूरे मामले की जांच आयोग के ही किसी उच्चाधिकारी से कराई जानी चाहिए।
कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री गिरीश देवांगन ने आयोग को भेजे पत्र में लिखा है कि मुख्य सचिव राज्य सरकार के अधीन हैं। वे सरकार के लिए ही काम करते हैं। ऐसे में उप चुनाव की निष्पक्ष जांच होने में संदेह है। कांग्रेस ने नए सिरे से मांग की है कि इतना विवाद होने के बाद अंतागढ़ उपचुनाव को रद्द किया जाए। मंतूराम के नाम वापस लेने के बाद भाजपा के भोजराज नाग वहां से विधायक चुने गए हैं।
मंतूराम पवार टेप कांड मामले में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा है कि टेप में जिनकी आवाजें हैं, वे अब उसे नकार रहे हैं। वे सभी शपथपत्र देकर कहें कि आवाज उनकी नहीं है। भूपेश ने कहा कि वे सभी अपनी आवाज का सैंपल दें, ताकि जांच कराई जा सके। यह बात मेरी पार्टी के लोगों और विरोधियों के लिए भी है।
मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी व उनके पुत्र अमित जोगी के नाम सामने आने पर भूपेश ने कहा कि, वे पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार मुझे नहीं है।
बिलासपुर में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा कि अंतागढ़ मामले में वे रविवार को रायपुर में बड़ा खुलासा करेंगे। दूसरी ओर अमित भी बिलासपुर में अलग ही मामला एक्सपोज करेंगे। उन्होंने कहा कि पीसीसी ने मुझे नोटिस दिया है। इस बारे में मैं पार्टी फोरम में अपनी बात रखूंगा।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि टेप कांड को अनदेखा करने के बजाए एआईसीसी कड़ी कार्रवाई करे। पूरा प्रकरण लोकतंत्र की हत्या है।
चुनाव आयोग ने भी छत्तीसगढ़ सरकार से जवाब मांगा है। एआईसीसी ने तो सारे मामले में जांच करने के लिए एसआईटी बनाने की मांग की ही है। मुझे लगता है कि इस मामले की जांच सीबीआई से होनी चाहिए। मुख्यमंत्री जब तक अपने पद पर हैं, तब तक जांच सही नहीं हो सकती। पीएम मोदी कहते हैं कि न खाने दूंगा न खाऊंगा। उन्हें चाहिए कि वे इस मामले में दूध का दूध, पानी का पानी उचित जांच कर करवाएं।