Chhattisgarh: लोहा व्यापारियों से 50 करोड़ की ठगी करने वाले पिता और पुत्र गिरफ्तार
Chhattisgarh News लोहा कारोबारियों को 50 करोड़ रुपये का चूना लगाकर फरार हुए व्यापारी पिता पुत्र को पुलिस ने दबोच लिया है। व्यापारिक साख का फायदा उठाकर दोनों ने कारोबारियों से करोड़ों रुपये का सरिया खरीदा और इसके बाद वह गायब हो गए थे।
रायपुर, जेएनएन। Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के रायपुर में लोहा कारोबारियों को 50 करोड़ रुपये का चूना लगाकर फरार हुए व्यापारी पिता पुत्र को तीन माह बाद आजाद नगर पुलिस ने देहरादून की अग्रवाल धर्मशाला से पकड़ लिया। डीडी नगर रायपुर निवासी सुरेश मित्तल (65) व उसके पुत्र स्वप्निल मित्तल (35) ने व्यापारिक साख का फायदा उठाकर शहर के लोहा कारोबारियों से करोड़ों रुपये मूल्य का सरिया खरीदा और गायब हो गए। सुरेश की रायपुर के समता कालोनी में एमएस शाप फर्म नाम की दुकान है, जिसमें उसका पुत्र स्वप्निल भी बैठता है। स्वप्निल ही मुख्य आरोपित है।
व्यापारिक साख का फायदा उठाकर लगाना चूना और हो गया चंपत, देहरादून में पकड़ा गया
पिता और पुत्र यहां से माल खरीदकर नागपुर के एक अन्य आरोपित रामपाल स्टील फर्म के संचालक संतोष साहू को भेजा करते थे। करीब तीन महीने पहले एफआइआर दर्ज होते ही सभी फरार हो गए। संतोष साहू को रायपुर पुलिस ने डेढ़ महीने पहले गिरफ्तार किया था। वह वर्तमान में जमानत पर है। संतोष के विरुद्ध नागपुर में बलवा, रेलवे का लोहा चोरी करने के एक दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं। शुक्रवार को देहरादून से गिरफ्तार किए गए पिता पुत्र के विरुद्ध ठगी के कुल पांच मामले दर्ज किए गए हैं। तीन अन्य आरोपितों की तलाश भी पुलिस कर रही है।
ऐसे लिया झांसे में
एडिशनल एसपी क्राइम अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि आरोपित पिता पुत्र ने शुरू में समय पर भुगतान किया। रायपुर के व्यापारी राजेश अग्रवाल से इस साल मई में एक करोड़ 41 लाख का सरिया खरीदा और तय समय से पहले भुगतान कर दिया। इसके बाद किश्तों में 520 मीट्रिक टन सरिया और उठाया। इसमें से 200 टन का भुगतान किया, किंतु 320 टन का करीब तीन करोड़ 70 लाख रपये लेकर फरार हो गए। इसी तरह अन्य व्यापारियों को झांसे में लिया। अब तक की जांच में कुल 50 करोड़ की ठगी का पता चला है। स्वप्निल ने बताया कि वह काफी पैसा आइपीएल सट्टेबाजी में हार चुका है।
परिवार के साथ कार में घूमते रहे, छोटे होटलों में रुकते थे
स्वप्निल अपने माता पिता व पत्नी के साथ कार पर भागा। कहीं भी एक दो दिन से ज्यादा न रुकता। दो-तीन सौ रुपये भाड़ा वाले छोटे होटलों में रुकता, क्योंकि उसे पता था पुलिस बड़े होटलों में छापा मारेगी। तीन महीने तक वह राजनांदगांव, छिंदवाड़ा, झांसी, ग्वालियर, मथुरा, वृंदावन, ऋषिकेश, कुरुक्षेत्र, महासर, राजस्थान सहित अन्य शहरों में 20 अलग-अलग ठिकानों में छिपा रहा। इस दौरान उसने सात बार अपना मोबाइल फोन व सिमकार्ड बदला।
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