गुजरात फॉर्मूले पर काम नहीं कर पा रहा कांग्रेस का आईटी सेल, बदला प्रदेश अध्यक्ष
छत्तीसगढ़ कांग्रेस का आईटी सेल गुजरात फॉर्मूले पर काम नहीं कर पा रहा है जिसके कारण प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आईटी सेल का प्रदेश अध्यक्ष बदलने का फैसला किया।
रायपुर (जेएनएन)। कांग्रेस गुजरात फॉर्मूले पर चलकर छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने की भरसक कोशिश कर रही है। इसमें आईटी सेल की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारियों से टिप्स लेने के बावजूद यहां का आईटी सेल गुजरात फॉर्मूले पर काम नहीं कर पा रहा है। ट्रेनिंग लेने के दो हफ्ते बाद तक आईटी सेल ने ऐसा कोई कैम्पेन सोशल मीडिया में नहीं चलाया, जो भाजपा सरकार पर तीखा हमला हो और जनता पर प्रभाव डाल सके। इस कारण प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने आईटी सेल का प्रदेश अध्यक्ष ही बदल दिया है। अब राजेंद्र सिंह परिहार की जगह जयवर्धन बिस्सा आईटी सेल की कमान संभालेंगे।
आईटी सेल का विस्तार
चुनावी साल में कांग्रेस का आईटी सेल अभी तक भाजपा के आईटी सेल से कमजोर दिखा है, लेकिन पीसीसी अध्यक्ष बघेल और नेता-प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव के अकाउंट के कारण कांग्रेस सोशल मीडिया पर दिखती है। आईटी सेल को मजबूत करने के लिए 12 जून को इसका विस्तार किया गया। दो कोषाध्यक्ष, तीन महासचिव, छह सचिव और दो बूथ कमेटी समन्वयक की नियुक्ति की गई। इसके बाद 25 जून को कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में कई बड़े नेताओं की उपस्थिति में शक्ति प्रोजेक्ट के प्रभारी रोहन गुप्ता और डाटा एनालिटिकल विभाग के चेयरमेन प्रवीण चक्रवर्ती व समन्वयक शशांक शुक्ला ने गुजरात में सोशल मीडिया पर चलाए कैम्पेन की जानकारी दी।
इस कारण आईटी सेल के अध्यक्ष को बदलने का फैसला
महिला, युवा, किसान, व्यापारी समेत अन्य वर्गों को प्रभावित करने के लिए किस तरह के स्लोगन और कैम्पेन सोशल मीडिया में चलाए जा सकते हैं, इसके टिप्स दिए थे। राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारियों ने यह भी कहा था कि समय कम है, इसलिए आईटी सेल को तेजी से आक्रामकता के साथ काम करना होगा। आईटी सेल ने प्रभावी कैम्पेन चला पाया और न ही आक्रामकता दिखा पाया। इस कारण पीसीसी अध्यक्ष ने आईटी सेल का अध्यक्ष बदलने का फैसला लिया। नवनियुक्त अध्यक्ष को आईटी सेल के कैम्पेन की हर माह रिपोर्ट देनी होगी।
दो हफ्ते में एक कैम्पेन चला पाए
पार्टी के नेताओं का कहना है कि राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों से टिप्स लेने के बाद आईटी सेल ने दो हफ्ते में केवल एक कैम्पेन चलाया, रमन सिंह के 15 साल, 15 विश्वासघात, खोया विश्वास। यह उतना प्रभावी नहीं रहा।
दूसरे नेताओं को कैम्पेन चलाना पड़ रहा
सोशल मीडिया पर पार्टी के दूसरे नेताओं को स्लोगन डालना पड़ रहा है। जैसे दो दिन पहले एक मैसेल डाला गया, चुनाव नजदीक है, सतर्क रहना दोस्तों, वह तुम्हें भगवे और हरे में बांटेंगे, तुम तिरंगे पे अड़े रहना। यह कैम्पेन पहले गुजरात चुनाव में चलाया गया था।
वर्मा और परिहार में टकराव चल रहा था
परिहार और पार्टी के सोशल मीडिया एक्सपर्ट व पीसीसी अध्यक्ष बघेल के करीबी विनोद वर्मा के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई थी। पार्टी के नेताओं का कहना है कि परिहार को हटाने का एक कारण यह भी है। यह भी चर्चा है कि बिस्सा की नियुक्ति संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी की सिफारिश पर की गई है। जयवर्धन बिस्सा कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता राजेश बिस्सा के रिश्तेदार हैं और पूर्व में पार्षद चुनाव हार चुके हैं।