Chhattisgarh News: पांच माह की मासूम को कई घंटे सीने से लगा कर बैठी रही बंदरिया, मां की अटकी रही जान
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक बंदरिया पांच माह की मासूम बच्ची को अपना बच्चा समझकर पांच घंटे तक अपने सीने से लगाकर लेटी रही। जू की रेस्क्यू टीम ने किसी तरह बंदरिया को लड़की से अलग किया और जंगल में छोड़ दिया।
बिलासपुर, जागरण आनलाइन डेस्क। एक मां की जान कई घंटे तक अटकी रही जब उसने देखा कि एक मादा बंदर उसकी पांच माह की बच्ची को आंगन में अपने सीने से लगाकर लेटी रही। मां को डर था कि कहीं बंदर बच्चे को नुकसान न पहुंचा दे। हालांकि बंदरिया बच्ची के साथ पांच घंटे तक लेटी रही , लेकिन उसे खरोंच तक नहीं आई। आखिरकार जू की रेस्क्यू टीम ने किसी तरह बंदरिया को लड़की से अलग किया और जंगल में छोड़ दिया। इस मार्मिक क्षण को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी।
चिल्लाने लगी मां
ये वाक्या खरगहना गांव का है। जंगल से सटे क्षेत्र के कारण लंगूरों, बंदरों और अन्य जंगली जानवरों की गतिविधियां होती रहती हैं। मंगलवार की सुबह नौ बजे इसी गांव निवासी नरेंद्र कुमार उइके के घर नजारा देखकर परिवार के अन्य सदस्य दहशत में आ गए। पांच महीने की निधि घर के आंगन में रखे पलंग में गहरी नींद में सो रही थी। बगल में एक लाल मुंह वाला मादा बंदर लड़की के सीने पर हाथ रखकर सो रहा था। बंदर को बच्ची के बगल में देखकर उसकी मां श्यामा बाई के पैरों तले से जमीन खिसक गई। वह डर के मारे चिल्लाने लगी।
डर गई बंदरिया
जैसे ही उसने लड़की को बंदर से अलग करने की कोशिश की, वह काटने के लिए दौड़ी। सूचना मिलते ही ग्रामीणों की भीड़ वहां जमा हो गई। सभी बंदरों को भगाने की कोशिश करते रहे। लेकिन बंदर बच्ची को सीने से लगाकर सोता रहा। मां डर गई और सोच रही थी कि वह बच्चे को अपने साथ न ले जाए। दोपहर 12 बजे कानन जू की रेस्क्यू टीम पहुंची। इसके बाद जब रेस्क्यू के लिए सामान निकाला गया तो बंदरिया डर गई और दहशत में लड़की से अलग हो गई। दोनों के अलग होते ही टीम ने मां से बच्चे को घर के अंदर ले जाने को कहा।
खिड़की पर बैठ गयी बंदरिया
अंदर जाकर मां ने भी दरवाजा बंद कर लिया। इसके बाद टीम ने मादा बंदर को पकड़ने का प्रयास किया। हालांकि वह इधर-उधर भागती रही। अंत में बच्चे के साथ मां को खिड़की के पास आने को कहा लड़की को देख बंदरिया खिड़की पर बैठ गयी। इसी दौरान जाल फेंक कर उसे पकड़ा गया।