नक्सली हमले को लेकर सीएम और बघेल के बीच जुबानी जंग
बस्तर में नक्सली हमले को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य सरकार व नक्सलियों के बीच सांठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि बीते तीन दिनों से नक्सली लगातार गोली बरसा रहे
बिलासपुर [निप्र]। बस्तर में नक्सली हमले को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य सरकार व नक्सलियों के बीच सांठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि बीते तीन दिनों से नक्सली लगातार गोली बरसा रहे थे। गोलीबारी में जवान शहीद भी हुए । चौथे दिन जब मुख्यमंत्री बस्तर प्रवास पर पहुंचे तब अचानक गोलीबारी थम गई। इसे क्या कहा जाए। बघेल के आरोपों से नाराज डॉ. सिंह ने तल्खी के साथ जवाब दिया। नाम लिए बगैर इशारों ही इशारों में उन्होंने कहा कि क्या उनको लगता है कि हमें गोली लगने से सब ठीक हो जाएगा। दोनों ही दिग्गज 15 अप्रैल को बिलासपुर प्रवास पर थे। श्री बघेल के आरोपों का कुछ घंटों के भीतर ही सीएम ने अपने अंदाज में जवाब दिया ।
मुख्यमंत्री डॉ सिंह संभागीय सरपंच सम्मेलन में शामिल होने अंबिकापुर से आए थे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री बघेल न्यायालयीन कामकाज के सिलसिले में हाईकोर्ट से सीधे छत्तीसगढ़ भवन पहुंचे। छत्तीसगढ़ भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुए श्री बघेल ने राज्य सरकार को आड़ेहाथों लेते हुए कहा कि शहीद जवानों और उनके परिवार का अपमान करना सरकार की आदत सी बन गई है। पूर्व में जब नक्सल घटना में जवान शहीद हुए थे तब उनके शवों को कचरा गा़$डी में लाया गया था। वर्दी कचरे में ढेर के फेंक दी गई थी। अब शहीद जवान के अंत्येष्टि में दी गई सहायता राशि वापस मांगने का शर्मनाक वाकया सामने आया है। ऐसा कर सरकार क्या साबित करना चाहती है और किसे क्या संदेश देने की कोशिश कर रही है। श्री बघेल ने कहा कि बीते तीन दिनों से बस्तर क्षेत्र में नक्सली अंधाधूंध फायरिंग कर रहे थे। जवान शहीद हो रहे थे। चौथे दिन जब सीएम डॉ. सिंह लोक सुराज के दौरे पर जाते हैं तब अचानक नक्सल हमला थम जाता है। गोलीबारी क जाती है। इससे साफ जाहिर है नक्सलियों व राज्य सरकार के बीच सांठगांठ है।
प्रदेशाध्यक्ष श्री बघेल ने राज्य सरकार को कठघरे में खड़े करते हुए कहा कि बस्तर के तत्कालीन कलेक्टर अलेक्स पाल मेमन को नक्सलियों से छुड़ाने के लिए राज्य सरकार ने दिन रात एक कर दिया था। जान लड़ा दी थी। नक्सलियों से सीधेतौर पर संपर्क रखने वालों को मध्यस्थ तक नियुक्त कर दिया था। अफसोस की बात है कि जब एक सिपाही का नक्सलियों ने अपहरण कर लिया और इसकी जानकारी पुलिस प्रशासन के साथ ही राज्य सरकार को दे दी गई थी, उसके बाद भी अपहृत सिपाही को नक्सलियों के चंगुल से छुड़ाने की कोशिश नहीं की गई। अपहृत सिपाही के परिवार की चिंता भी नहीं की ।
जनता का नहीं अधिकारियों का सुराज
लोक सुराज अभियान पर चुटकी लेते हुए प्रदेशाध्यक्ष श्री बघेल ने कहा कि कैसा सुराज अभियान। किसानों का पूरा धान नहीं खरीदा गया। बोनस भी नहीं मिला। गरीबों के राशन कार्ड रद्द कर दिए गए। यह आम लोगों का नहीं अधिकारियों व राज्य सरकार के मंत्रियों का सुराज है।
जोगी पर चलाए शब्दों के बाण
पूर्व मुख्यमंत्री श्री जोगी के इस बयान पर कि जब उनको आईना दिखाया तो वे बुरा मान गए। उनकी प्रतिक्रिया चाही गई तो श्री बघेल ने बगैर नाम लिए गालिब के शेर पढ़कर जवाब दिया। जिंदगी भर गालिब यही गलती करता रहा, धूल चेहरे पर थी आईना साफ करता रहा। जोगी द्वारा संगठन चुनाव लडऩे की घोषणा पर कहा कि कोई भी कांग्रेसी पांच पए का सदस्यता रसीद कटाकर चुनाव लड़ सकता है।