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CM बघेल ने कांग्रेस के रायपुर महाधिवेशन की तैयारियों में जुटे, 10,000 से अधिक लोगों के भाग लेने की संभावना

छत्तीसगढ़ राज्य में कांग्रेस पार्टी की मजबूत पकड़ है। कांग्रेस का तीन दिवसीय पूर्ण अधिवेशन 24 फरवरी से 26 फरवरी तक रायपुर में होने जा रहा है जिसमें 10000 से अधिक लोगों के भाग लेने की संभावना है।

By Babli KumariEdited By: Babli KumariPublished: Sun, 12 Feb 2023 02:50 PM (IST)Updated: Sun, 12 Feb 2023 02:50 PM (IST)
CM बघेल ने कांग्रेस के रायपुर महाधिवेशन की तैयारियों में जुटे, 10,000 से अधिक लोगों के भाग लेने की संभावना
छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (फाइल फोटो)

रायपुर, एजेंसी। छत्तीसगढ़ राज्य में कांग्रेस पार्टी की मजबूत पकड़ है। कांग्रेस का तीन दिवसीय पूर्ण अधिवेशन 24 फरवरी से 26 फरवरी तक रायपुर में होने जा रहा है, जिसमें 10,000 से अधिक लोगों के भाग लेने की संभावना है।

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छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी में संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में होने वाले पूर्ण अधिवेशन के लिए यह सम्मान की बात है क्योंकि इस तरह का पिछला सम्मेलन मध्य प्रदेश के जबलपुर के पास त्रिपुरी में हुआ था। 

पार्टी राज्य में अपनी स्थिति को करेगी मजबूत

शुक्ला ने दावा किया कि यह अधिवेशन छत्तीसगढ़ और इसके आसपास के सात राज्यों में पार्टी को मजबूत करेगा और लाभान्वित करेगा। उम्मीद है कि सत्र के दौरान पार्टी राज्य में अपनी एकीकृत स्थिति को मजबूत करेगी। पूर्ण सत्र कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस साल छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश के साथ पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं। आगामी चुनाव से पहले केंद्र सरकार को घेरने की ठोस रणनीति तैयार करें।

ऐसा लगता है कि राज्य में कांग्रेस का संयुक्त मोर्चा है लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य के कैबिनेट मंत्री टी.एस. सिंहदेव बार-बार सामने आते रहते हैं। उनके बयानों ने कई मौकों पर पार्टी में असामंजस्य की आशंकाओं को जन्म दिया है।

पार्टी के नेताओं के बीच कोई टकराव नहीं

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेताओं ने अभियान राज्य से नहीं गुजरने के बावजूद भारत जोड़ो यात्रा में भाग लिया था। बघेल और सिंहदेव यात्रा में सक्रिय थे, ऐसी कोई घटना नहीं थी जो नेताओं के बीच टकराव का संदेश दे सके।

हालांकि, उस दौरान सिंहदेव द्वारा दिए गए कुछ बयानों ने कुछ राजनीतिक तनाव पैदा किया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्य के दो प्रमुख नेताओं के बीच की खींचतान कई बार अन्य नेताओं के लिए मुसीबत खड़ी कर देती है, लेकिन छत्तीसगढ़ में अभी तक ऐसी स्थिति नहीं देखी गई थी। 

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