जस्टिस भादुड़ी ने सुनवाई से किया इन्कार
बिलासपुर, निप्र। राज्य लोकसेवा आयोग द्वारा वर्ष 2003 में आयोजित पीएससी परीक्षा में बड़े पैमाने पर बरत
बिलासपुर, निप्र। राज्य लोकसेवा आयोग द्वारा वर्ष 2003 में आयोजित पीएससी परीक्षा में बड़े पैमाने पर बरती गई गड़बड़ी को लेकर दायर याचिका शुक्रवार को जस्टिस नवीन सिन्हा व जस्टिस गौतम भादुड़ी की युगलपीठ में सुनवाई के लिए लगी थी। जस्टिस भादुड़ी द्वारा व्यक्तिगत कारणों से सुनवाई करने से इन्कार करने पर जस्टिस सिन्हा ने याचिका को अन्य बेंच में रिफर करने के लिए रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश जारी किए। मामले में सुनवाई 14 दिसंबर को होगी।
पीएससी 2003 की प्रमुख प्रतिभागी वर्षा डोंगरे ने वर्ष 2003 को आयोजित परीक्षा में भारी गड़बड़ी और फर्जीवाड़े की शिकायत करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए कहा है कि आयोग के अधिकारियों ने मिलीभगत करते हुए योग्य उम्मीदवारों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को अनुसूचित जाति वर्ग की श्रेणी में शामिल कर नौकरी दी गई है। पिछली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता डोंगरे ने अपनी याचिका में जरूरी संशोधन करने के लिए आवेदन पेश किया था। इसे हाईकोर्ट ने स्वीकार करते हुए अपनी सहमति दे दी थी। हाईकोर्ट के इस फैसले को डिप्टी कलेक्टर पद्मिनी भोई व अन्य ने चुनौती देते हुए रिट अपील दायर कर दी है, जिस पर याचिकाकर्ता डोंगरे ने कहा था कि संशोधन आवेदन के मामले में हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में ही चुनौती दी जा सकती है। लिहाजा, कोर्ट का समय बर्बाद करने के लिए भोई व अन्य पर एक लाख रुपये का जुर्माना ठोंका जाए। शुक्रवार को एक्टिंग चीफ जस्टिस नवीन सिन्हा व जस्टिस गौतम भादुड़ी की युगलपीठमें इस मामले की सुनवाई के लिए लिस्टिंग की गई थी।
डॉ. गुप्ता पहुंचे हाईकोर्ट
बिलासपुर। नसबंदी कांड के प्रमुख आरोपी डॉ. आरके गुप्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियमित जमानत की गुहार लगाई है। शुक्रवार को मामले की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने चकरभाठा थाने से केस डायरी मंगाई है। डॉ. गुप्ता ने राज्य शासन पर झूठे मामले में फंसाने का आरोप लगाया है।