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बहुचर्चित खंडेलवाल हत्याकांड का पर्दाफाश

By Edited By: Published: Wed, 26 Mar 2014 03:12 PM (IST)Updated: Wed, 26 Mar 2014 03:12 PM (IST)
बहुचर्चित खंडेलवाल हत्याकांड का पर्दाफाश

बिलासपुर। शहर के बहुचर्चित खंडेलवाल हत्याकांड की गुत्थी आखिरकार पुलिस ने सुलझा ली है। प्लंबर ने अपने दोस्त के साथ मिलकर लूट की नीयत से वारदात कों अंजाम दिया था। पुलिस ने हत्याकांड के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस अंधे व पेंचिदे कत्ल की गुत्थी सुलझाना पुलिस के लिए बड़ी सफलता है।

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सिविल लाइन थाना क्षेत्र के 36 मॉल के बाजू वाली गली में रहने वाले प्रतिष्ठित व्यवसायी दशरथ लाल खंडेलवाल पर दो हमलावरों ने 22 नवंबर 2013 की दोपहर चाकू से वार कर हत्या कर दी थी। साथ ही उनकी पत्‍‌नी विमला देवी पर भी चाकू से हमलाकर हत्या करने की कोशिश की थी। हमलावर घटना स्थल मकान से दो मोबाइल व हाथ घड़ी लूटकर भाग निकले थे। पुलिस इस मामले में धारा 458, 394, 307, 302, 34 के तहत अपराध दर्ज कर जांच कर रही थी। शहर में दिनदहाड़े हुई इस अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने एसपी बीएन मीणा के साथ ही अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राजेश मिश्रा ने दिलचस्पी दिखाई। एडीजी मिश्रा, एसपी मीणा खुद मौके पर पहुंच गए और बारीकी से घटनास्थल का निरीक्षण किया। इस बीच आला अधिकारी लगातार जांच टीम को मार्गदर्शन व दिशा-निर्देश देते रहे। आखिरकार चार माह बाद पुलिस ने अंधेकत्ल की गुत्थी सुलझा ली है। मंगलवार शाम एडीजी मिश्रा व एसपी मीणा ने इस पेंचिदे व अंधे हत्याकांड का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि गंभीर मामले की जांच में पुलिस की सूचना तंत्र की भूमिका अहम रही। पुलिस अधिकारी व उनकी टीम लगातार हर एक बिंदुओं पर सूक्ष्मता से जांच कर रही थी। साथ ही शहर के सभी जगहों पर सूचना संकलन में जुटी हुई थी। जिस तरीके से वारदात को अंजाम दिया गया था, पुलिस को संदेह लूट की नीयत से वारदात को अंजाम देने पर ही था, लेकिन रकम व जेवर गायब नहीं होने के कारण पुलिस की आशंका कम हो जाती थी। लिहाजा, अन्य पहलुओं की तरफ भी पुलिस की जांच भटकती रही। जांच के दौरान पुलिस अफसरों ने उनके घर में काम करने वाले माली, नौकर, सफाई कर्मचारी, चालक समेत अन्य लोगों पर बारीकी से नजर रखने लगे थे। इस दिशा में जांच के बाद भी कोई सफलता हाथ नहीं लगने पर पुलिस की टीम ने उनके घर में आने-जाने वाले प्लंबर, एसी, टीवी समेत अन्य तकनीकी सुधारकों की जानकारी ली गई।

इस दौरान पता चला कि करीब सालभर पहले उनके मकान के माडुलर किचन की चिमनी खराब हो गई थी। लिहाजा, टिकरापारा स्थित मीनाक्षी ट्रेडर्स से दो व्यक्ति आए थे। उनके संबंध में जानकारी लेने पर पता चला कि करीब सालभर पहले दयालबंद स्थित मधुबन रोड निवासी विक्की उर्फ मनोहर सिंह रायपुर के एक मिस्त्री के साथ उनके मकान में काम करने गया था। विक्की उर्फ मनोहर सिंह का नाम सामने आते ही पुलिस ने गोपनीय रूप से उसकी गतिविधियों पर नजर रखना शुरू कर दिया और उसके बारे में पतासाजी कराई। इस दौरान उससे जुड़े लोगों से संपर्क कर बारीकी से उसके संबंध में जानकारी जुटाई गई। तब दयालबंद के मधुबन रोड निवासी गौरव शर्मा व एक महिला से पूछताछ करने पर पता चला कि विक्की सिंह ने उन्हें बताया था कि कुछ दिन पहले उसने धोती वाले किसी बुजुर्ग की हत्या की थी। इसके बाद पुलिस ने विक्की सिंह की आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच की। विक्की के इस अंधे हत्याकांड में शामिल होने की अहम जानकारी मिलते ही पुलिस ने उसे पकड़कर पूछताछ की।

विस्तृत व सूक्ष्मता से पूछताछ करने पर वह टूट गया। उसने अपराध स्वीकार करते हुए उसने बताया कि दो वर्ष पहले मीनाक्षी ट्रडर्स में काम करता था। तभी उनके घर में काम करने के लिए गया था। बाद में उसने मीनाक्षी ट्रेडर्स से काम छोड़ दिया। इसके बाद घर में ही अपने भाई चंदन के साथ होटल के काम व मां के साथ मिलकर टिफिन पंहुचाने का काम करने लगा। इस बीच बुरी लत की पूर्ति करने में कर्ज अधिक हो गया, जिसकी पूर्ति करने के लिए उसने वारदात के 15 दिन पहले अपने दोस्त के साथ योजना बनाई। उसका दोस्त विजय चौधरी जो मूलत: महासमुंद के सराईपाली के लिमगांव का रहने वाला है। वह दयालबंद में किराए पर मकान लेकर रहता है और डीपी विप्र महाविद्यालय में बीए फ‌र्स्ट ईयर का छात्र है। विक्की के हॉटल में चाय-नाश्ते के दौरान उसकी दोस्ती हुई थी। उसी के साथ मिलकर उसने व्यवसायी खंडेलवाल के घर में लूटने की साजिश रची थी। घटना के दिन विक्की व विजय घटनास्थल पहुंचे और काल बेल बाकर दरवाजा खुलवाए। दरवाजा खोलते ही दोनों युवक रकम की मांग करने लगे। इस दौरान दशरथ खंडेवाल से उसकी छीना झपटी हुई।

बीच-बचाव में चाकू आरोपी विक्की सिंह को लगा, जिससे उसके शरीर से खून निकलने लगा। इसके बाद उसने चाकू से खंडेलवाल पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। आवाज सुनकर उनकी पत्‍‌नी विमला देवी भी बीच-बचाव करने आ गई। उसके साथ गए विजय चौधरी ने विमला देवी के मुंह को दबाकर खींचते हुए कमरे में ले जाकर बंद कर दिया। इस बीच उसके ऊपर से चाकू से वार किया गया। इसके बाद दोनों आरोपी डर गए और उन्हें घटनास्थल पर छोड़कर भाग निकले। भागते समय युवकों ने दो मोबाइल व घड़ी भी लेकर गए थे। मोबाइल को पकड़ाने के डर से नष्ट कर दिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।


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