मलकानगिरी से गिरफ्तारियां एनआईए की बड़ी सपलता
जगदलपुर। झीरम घाटी नक्सली कांड से जुड़े दो नक्सलियों की सोमवार को पड़ोसी राज्य ओड़िशा के मलकानगिरी में हुई गिरफ्तारी को एनआईए जांच की बड़ी सपलता माना जा रहा है।
देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी एनआईए घटना की जांच कर रही है। इन नक्सलियों की गिरफ्तारी में एनआईए द्वारा निगरानी में रखे गए उन चार मोबाइल नंबरों को अहम माना जा रहा है जिन्हें लेकर जांच एजेंसी ने शक जाहिर किया था।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार घटना के समय तोंगपाल, दरभा व झीरम घाटी जहां 25 मई को नक्सलियों ने कांग्रेस के कापिले पर हमला कर डेढ़ दर्जन लोगों को शहीद कर दिया था वहां के मोबाइल टावरों से जिन नंबरों पर बातचीत हो रही थी उन सभी नंबरों को निगरानी में लिया गया था। जानकारों से नई दुनिया को मिली जानकारी के मुताबिक सौ से ज्यादा मोबाइल नंबरों को एनआईए ने खंगाला तो चार ऐसे नंबर सामने आए जिनके काल रिकार्ड्स का विश्लेषण करने पर एनआईए का शक गहराया। एनआईए ने जब पड़ताल की तो ये नंबर पर्जी नाम व पर्जी आईडी वाले निकले तब एनआईए ने इन नंबरों को सतत निगरानी पर रखा।
उल्लेखनीय है कि 'नईदुनिया' ने ही सबसे पहले यह खबर दी थी कि एनआईए को चार नंबरों पर शक है। हालांकि मीडिया के एक हिस्से ने चार नंबरों का जिक्र करते हुए इसे झीरम घाटी हमले में गैर माओवादी साजिश के रूप में पेश किया था। अभी एनआईए ऐसे किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है लेकिन जानकार सूत्रों के मुताबिक इन चार नंबरों के आधार पर हुई दो नक्सलियों की ताजा धरपकड़ पिलहाल घटना में सुनियोजित माओवादी साजिश की परतें तो उधेड़ती हैं।
एनआईए के महानिदेशक ने भी अब तक हुई जांच में गैर माओवादी साजिश को खारिज किया है। जानकार कहते हैं कि ताजा गिरफ्तारियां इस दिशा में महत्वपूर्ण है। एनआईए ने पाया कि घटना के एक दो दिन पहले से घटना के दिन इन्हीं नंबरों पर सबसे ज्यादा बातचीत हुई थी। ये नंबर पर्जी पते व नाम पर लिए गए थे। घटना के बाद इन नंबरों की लोकेशन सुकमा जिले से सटे ओड़िशा के मलकानगिरी में रही थी। इस बात की जानकारी एनआईए ने मलकानगिरी पुलिस को दी थी। जिसके बाद से लगातार वहां की पुलिस एनआईए के मार्गदर्शन में नंबरों को ट्रेस करती रही और जब शक पुख्ता हुआ तो संदेहियों की तगड़ी घेरेबंदी की गई और सोमवार को दो नक्सलियों की गिरफ्तारी भी इसी आधार पर कर ली गई।
कत्तममेटरू गांव से गिरफ्तार कोसा कुंजामी एवं उरा माढ़ी ने प्रारंभिक पूछताछ में झीरम घाटी कांड को लेकर कई जानकारियां पुलिस को दी हैं।
सूत्रों के अनुसार एनआईए नक्सलियों से मिलने वाली जानकारियों के आधार पर जांच को आगे बढ़ा रही है। नक्सलियों की गिरफ्तारी के पांच छह दिन पहले से एनआईए के अधिकारी यहां कैंप में ही जमे थे। एनआईए के आईजी, डीआईजी, एसपी सहित चार-पांच वरिष्ठ अपसरों की आठ दिनों से यहां मौजूदगी को भी इसी घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है। बताया जाता है कि गिरफ्तार नक्सलियों से एनआईए भी पूछताछ करेगी।
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