राजनैतिक साजिश थी कांग्रेस नेताओं की हत्या
जगदलपुर। केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश ने जीरम घाटी नक्सली घटना को राजनैतिक साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि वे राजनीतिक शक्तियां व संस्थाएं जो यह नहीं चाहती कि कांग्रेस की सत्ता में वापसी हो उनका जीरम घाटी हत्याकांड के पीछे हाथ रहा है।
रमेश ने कहा कि यह जानबूझकर करवाई गई घटना है। पत्रकारों द्वारा यह पूछने पर कि राजनीतिक साजिश के पीछे उनका इशारा किन लोगों की ओर है रमेश ने कहा कि जांच पूरी हो जाने दीजिए सब कुछ सामने आ जाएगा। जीरम घाटी कांड के एक माह पूरा होने पर मंगलवार को कांग्रेस भवन में शहीदों को श्रद्धाजंलि देने आयोजित शोकसभा में शामिल होने पहुंचे जयराम रमेश ने सर्किट हाऊस में पत्रवार्ता में राजनीतिक साजिश का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र सरकार से बस्तर के विकास व नक्सलवाद से निपटने जिनती भी सहायता की मांग प्रदेश सरकार द्वारा की जाती है उससे कहीं अधिक सहायता दी जा रही हैं।
उन्होंने केन्द्र द्वारा पिछले दो सालों में विभिन्न योजनाओं के लिए जारी राशि का व्योरा रखा और बताया कि पैसा के साथ सुरक्षा के लिए जिनता बल मांगा दिया गया पर परिणाम क्या मिला सबके सामने है। जीरम घाटी का दर्द कांग्रेस को दिया गया है जिसके लिए बस्तर की जनता इस सरकार को कभी माप नहीं करेगी। जयराम रमेश ने कहा कि देश के 82 नक्सल प्रभावित जिलों में से 50 जिलों का वह दौरा कर चुके हैं। बस्तर संभाग में बार-बार दौरा किया जा रहा है ताकि विकास को बढ़ावा दिया जा सके। यहां नक्सली हिंसा की स्थिति देश में सबसे भयावह है। इससे बड़ी विडम्बना क्या होगी जब राज्य सरकार ने ही मान लिया है कि संभाग के 4 से 5 हजार वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में उसका नियंत्रण नहीं है।
रमेश ने कहा कि माओवाद का मुकाबला करने हर मोर्चे पर काम करना होगा। राजनीति भी इसमें प्रमुख है। यहां राजनीतिक प्रक्रिया को और मजबूत करने की जरूरत है। जहां राजनीतिक पार्टियां मजबूत हैं वहां माओवाद कमजोर है। जीरम घटना के बाद कांग्रेस हो या भाजपा अथवा सीपीआई जो भी राजनीतिक दल बस्तर में सक्रिय हैं उन सभी को अपनी सक्रियता बढ़ानी होगी। लोकल पुलिस को भी आगे आना होगा। पत्रवार्ता में केन्द्रीय मंत्री व्ही नारायण सामी ने कहा कि यदि कांग्रेस के नेताओं को सुरक्षा देने में राज्य सरकार कोताही नहीं बरतती तो जीरम घाटी हत्याकांड से बचा जा सकता था। सामी ने कहा कि बस्तर में कानून और व्यवस्था पर सरकार नियंत्रण खोती जा रही है। उन्होंने कहा कि जीरम के शहीद परिवारों की हरसंभव मदद की जाएगी।
पत्रवार्ता में केन्द्रीय मंत्री व पीसीसी के कार्यवाहक अध्यक्ष डा चरणदास महंत, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व्हीके हरिप्रसाद, राष्ट्रीय सचिव व सांसद भक्तचरण दास, नेता प्रतिपक्ष रविन्द्र चौबे सहित कई प्रमुख नेता उपस्थित थे।
सुरक्षा विकास सक्रिय राजनीति से हो मुकाबला
जयराम रमेश के अनुसार माओवाद से निपटने कड़ी सुरक्षा, संवेदनशील विकास व सक्रिय राजनीति तीनों बहुत जरूरी है। नक्सल विचारधारा से निपटने इन तीनों क्षेत्रों में ईमानदारी से काम करने की जरूरत है। दुर्भाग्य से बस्तर में इन क्षेत्रों में अभी तक ठीक तरह से काम नहीं हुआ है।
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