World Bank ने भारतीय रेलवे को दी 245 मिलियन डॉलर लोन की मंजूरी, रेलवे लॉजिस्टिक्स इन्फ्रा का होगा विस्तार
World Bank ने भारत के रेलवे लॉजिस्टिक्स इन्फ्रा के लिए 245 मिलियन डॉलर के लोन को मंजूरी दे दी है। इससे भारतीय रेलवे का तेजी से विस्तार होगा। सुविधाओं के बढ़ने से लोग रोड से सफर करने की तुलना में भारतीय रेलवे से ज्यादा सफर करेंगे।
नई दिल्ली, पीटीआइ। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान (World Bank) ने बुधवार को एक बयान में कहा कि विश्व बैंक ने रेल भाड़ा और लॉजिस्टिक्स इन्फ्रा के आधुनिकीकरण के भारत के प्रयासों का समर्थन करने के लिए 245 मिलियन डॉलर के लोन को मंजूरी दी है। रेल लॉजिस्टिक्स परियोजना से रेल यातायात को और बढ़ावा मिलेगा, जिससे परिवहन गुड्स और पैसेंजर दोनों अधिक कुशल बनेगा। इससे हर साल लाखों टन ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (जीएचजी) में कमी आएगी। यह परियोजना रेलवे क्षेत्र में अधिक निजी क्षेत्र के निवेश को भी प्रोत्साहित करेगी।
आपको बता दें कि भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, जिसने मार्च 2020 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में 1.2 बिलियन टन माल ढुलाई की है। फिर भी भारत का 71 प्रतिशत माल सड़क मार्ग से और केवल 17 प्रतिशत रेल द्वारा पहुंचाया जाता है।
बयान में कहा गया है कि भारतीय रेलवे की क्षमता की कमी ने वॉल्यूम को सीमित कर दिया है और शिपमेंट की गति और विश्वसनीयता को कम कर दिया है। नतीजतन, पिछले कुछ वर्षों में इसकी हिस्सेदारी कम हो गई है। 2017-18 में इसकी बाजार हिस्सेदारी 32 फीसदी थी, जो एक दशक पहले 52 फीसदी थी।
जीएचजी (Greenhouse gas) उत्सर्जन में सड़क भाड़ा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, जो माल ढुलाई क्षेत्र में लगभग 95 प्रतिशत उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार है। ट्रक से 2018 में सड़क दुर्घटना लगभग 12.3 प्रतिशत हुई थी और कुल सड़क परिवहन से संबंधित मौत के मामले 15.8 प्रतिशत थे।
विश्व बैंक में भारत के संचालन प्रबंधक और कार्यवाहक निदेशक हिदेकी मोरी ने कहा कि ग्रीनहाउस गैसों को कम करते हुए नई परियोजना से भारत में लाखों रेल यात्रियों को भी लाभ मिलेगा। व्यापक लॉजिस्टिक पारिस्थितिकी तंत्र के साथ रेलवे को एकीकृत करना भारत की हाई लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए भी महत्वपूर्ण है, जो विकसित देशों की तुलना में काफी अधिक है। यह भारतीय फर्मों को और अधिक प्रतिस्पर्धी बना देगा।