कच्चे तेल की कम होती कीमत के बीच तेल कंपनियों को सरकार ने दी राहत, घटाया Windfall Tax
Windfall Tax सरकार की ओर से घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर विंडफॉल टैक्स कम कर 3500 रुपये कर दिया गया है जबकि डीजल पर निर्यात शुल्क बढ़ाकर एक रुपये प्रति लीटर कर दिया है। (जागरण फाइल फोटो)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कच्च तेल की घटती कीमतों के बीच केंद्र सरकार ने सोमवार को विंडफॉल टैक्स कम करने का फैसला किया है। इसके बाद अब घरेलू कच्चे तेल पर 3,500 रुपये प्रति टन का विंडफॉल टैक्स लगाया जाएगा, जोकि पहले 4,400 रुपये प्रतिटन था। हालांकि, सरकार द्वारा डीजल पर लगने वाला निर्यात कर 0.50 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर एक रुपये प्रति लीटर कर दिया है।
सरकारी अधिकारियों की ओर से बताया गया कि टैक्स केवल उसी मुनाफे पर लगाया जा रहा है, जो वैश्विक बाजारों में कीमत बढ़ने के कारण कंपनियों को हो रहा है।
पेट्रोल और एटीएफ पर राहत
सरकार की ओर से पेट्रोल और एटीएफ पर राहत को बरकरार रखा गया है। इन दोनों पर निर्यात शुल्क को शून्य ही रखने का फैसला किया है। इससे देश में घरेलू कच्चा तेल का उत्पादन करने वाली कंपनी ओएनजीसी को राहत मिलेगी।
इससे पहले की समीक्षा बैठक में कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 50 रुपये प्रति टन बढ़ाकर 4,350 रुपये प्रति टन से 4,400 रुपये प्रति टन कर दिया था।
कच्चे तेल की कीमत मे गिरावट
अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैक डूबने और यूरोप में क्रेडिट सुइस पर संकट आने के चलते वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में गिरावट देखने को मिली है। इस कारण ब्रेंट क्रूड का दाम 75 डॉलर प्रति बैरल से भी कम हो गया है। दो हफ्ते पहले इसका दाम 85 डॉलर प्रति बैरल के करीब था।
पिछले साल शुरू हुआ था विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स
पिछले साल जुलाई में सरकार की ओर से तेल कंपनियों को अचानक हुए मुनाफे के कारण विंडफॉल टैक्स लगाया गया था। उस समय डीजल के निर्यात पर 6 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल एवं एटीएफ पर निर्यात शुल्क 13 रुपये प्रति लीटर था। कच्चे तेल पर विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स 23,250 रुपये प्रति टन था। विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स की पहली समीक्षा बैठक में पेट्रोल पर निर्यात शुल्क को घटाकर शून्य कर दिया कर दिया था।