ITR कर रहे हैं फाइल तो पहले जान लें कि LTCG पर कब नहीं लगेगा टैक्स
अगर आप शेयर्स को खरीदने के एक साल के भीतर बेच देते हैं तो इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अगर आप पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर रहे हैं तो टैक्स स्लैब, टैक्स छूट, कटौती और समय सीमा का ध्यान रखना आपके लिए जरूरी है। यदि आपकी आमदनी 2.5 लाख रुपये सालाना से अधिक है तो आपको आयकर रिटर्न हर हाल में फाइल करना चाहिए। आपकी कुल आय में वेतन, प्रॉपर्टी, कैपिटल गेन, बिजनेस इनकम और अन्य स्रोत शामिल होते हैं। इन सभी का जिक्र आपको अपने आईटीआर में करना होता है। अगर आप आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो आयकर विभाग आप पर कार्यवाही भी कर सकता है।
आखिर क्या होता है कैपिटल गेन?
टैक्स एक्सपर्ट अंकित गुप्ता ने बताया कि कैपिटल गेन को आप दो श्रेणियों में बांट सकते हैं। पहला लॉन्ग टर्म और दूसरा कैपिटल एसेट्स। लॉन्ग टर्म भी दो तरह का होता है। पहला 12 महीने से ज्यादा शेयर्स एवं कमोडिटी को अपने पास रखना, वहीं दूसरा 36 महीने से ज्यादा फिक्स्ड एसेट्स को अपने पास रखकर बेचना। इसके अलावा इनकम टैक्स एक्ट में दर्ज कानून के मुताबिक महंगी पेंटिंग्स, शेयर्स, घर और गोल्ड को कैपिटल एसेट्स माना जाता है। हालांकि इसमें कृषि भूमि को अपवाद माना गया है।
इस सूरत में नहीं लगेगा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स:
- आयकर की धारा 10 (38) के मुताबिक कुछ विशेष सूरतों में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स न चुकाने की छूट मिलती है।
- अगर आपने शेयर्स को 12 महीने से ज्यादा अपने पास रखकर उसे स्टॉक मार्केट के जरिए बेचा है।
- अगर आपने अपने शेयर्स की बिक्री पर STT का भुगतान किया है।
कब किस पर लगता है कितना टैक्स?
शेयर, इक्विटी या म्युचुअल फंड: अगर आप इन्हें एक साल के भीतर बेच देते हैं तो इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा और आपको इस पर 15 फीसद का टैक्स अदा करना होगा। वहीं अवधि एक साल से ऊपर होने की सूरत में इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स माना जाएगा। यानी इन पर होने वाला मुनाफा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) के दायरे में आ जाता है। पिछले साल तक इस पर कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ता था।
संपत्ति: अगर आप किसी संपत्ति को खरीदने के बाद उसे दो साल तक अपने पास रखते हैं और फिर बेचते हैं तो आपको इस पर इंडेक्सेशन का फायदा मिलेगा। खरीद की कीमत में महंगाई दर को जोड़ने के बाद आपकी असल कीमत निकलेगी और बिक्री कीमत में उसे घटाने के बाद हुए मुनाफे पर आपको 20 फीसद के हिसाब से टैक्स चुकाना पड़ेगा।
गोल्ड: अगर आप गोल्ड को खरीदकर इसे तीन साल के बाद बेचते हैं तो गोल्ड पर भी 20 फीसद का कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होता है।