Sahara Life का SBI से नहीं हुआ मर्जर, केवल पॉलिसीहोल्डर से जुड़ी संपत्ति और देनदारियों का किया अधिग्रहण
IRDAI की ओर से एसबीआई लाइफ को आदेश दिया गया है कि सहारा लाइफ के पॉलिसीहोल्डर्स की संपत्ति और देनदारी का अधिग्रहण किया जाए। कंपनी ने कहा है कि जल्द ही सहारा की पॉलिसी का डेटा का इंटीग्रेशन किया जाएगा। (फोटो- जागरण फाइल)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank Of India) की इंश्योरेंस इकाई एसबीआई लाइफ की ओर से कहा गया कि कंपनी ने केवल सहारा लाइफ इंश्योरेंस के पॉलिसीहोल्डर से जुड़ी संपत्ति और देनदारियों को लिया है। ये दोनों कंपनियों का मर्जर नहीं है।
शुक्रवार को आरडीएआई की ओर से एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस को आदेश दिया गया था कि सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस की दो लाख पॉलिसी की देनदारी और संपत्तियों का अधिग्रहण किया जाए।
IRDAI की ओर से क्यों आदेश दिया गया?
इंश्योरेंस रेगुलेटर और डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस की वित्तीय स्थिति खराब होने को देखते हुए पॉलिसी होल्डर के प्रति जिम्मेदारी एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस को दी गई है।
एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस की ओर से कहा गया है कि सहारा के दो लाख पॉलिसीहोल्डर्स को अपने ग्राहक को तरह अच्छी सर्विस मुहैया कराएगी।
एसबीआई लाइफ ने शुरू किया इंटीग्रेशन का प्रोसेस
एसबीआई लाइफ की ओर से कहा गया कि हमने दो लाख सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस की पॉलिसी को अपने सिस्टम में इंटीग्रेशन करना शुरू कर दिया है। हालांकि, इसमें कुछ समय जरूर लगेगा। अगर पॉलिसीहोल्डर को इससे जुड़ी कोई जानकारी लेनी है तो वह हेल्पलाइन नंबर 1800 267 9090 पर कॉल या Saharalife@sbilife.co.in पर ईमेल कर सकता है।
सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस की क्यों खराब हो रही थी वित्तीय स्थिति?
सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस के पॉलिसी डेटा से जानकारी मिली है कि कंपनी पर क्लेम अधिक आ रहे थे, जबकि प्रीमियम कम आ रहा था। इस कारण कंपनी को काफी घाटा हो रहा था। ऐसा ही चलता रहता तो कंपनी का घाटा बढ़ता जाता और भविष्य में कंपनी पॉलिसीहोल्डर्स के प्रति अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं कर पाती।