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RBI नए पेमेंट सिस्टम पर कर रहा है काम, प्राकृतिक आपदाओं और युद्ध जैसी स्थिति में भी हो सकेंगे डिजिटल भुगतान

आरबीआई का कहना है कि प्राकृतिक आपदाओं और युद्ध जैसी भयावह घटनाओं में पारंपरिक भुगतान प्रणालियों से पैसों का लेनदेन होना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में इस तरह की चरम और अस्थिर स्थितियों का सामना करने के लिए तैयार रहना बहुत जरूरी है। (फाइल फोटो)।

By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraPublished: Tue, 30 May 2023 06:43 PM (IST)Updated: Tue, 30 May 2023 06:43 PM (IST)
RBI नए पेमेंट सिस्टम पर कर रहा है काम, प्राकृतिक आपदाओं और युद्ध जैसी स्थिति में भी हो सकेंगे डिजिटल भुगतान
RBI is working on a lightweight portable Payment System

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। देश में लगातार हो रहे तकनीक विकास के साथ-साथ चीजें एडवांस होती जा रही हैं। इसी कड़ी में भारतीय रिजर्व बैंक एक और सुविधा पेश करने जा रही है। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक एक लाइट वेट और पोर्टेबल भुगतान प्रणाली पर काम कर रहा है।

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आरबीआई ने कहा कि ये भुगतान प्रलियों में बंकर जैसा काम करने वाली है। इसका उपयोग प्राकृतिक आपदाओं और युद्ध जैसी विपत्तिपूर्ण घटनाओं के दौरान महत्वपूर्ण लेनदेन के लिए किया जा सकता है। आइए लाइट वेट एंड पोर्टेबल पेमेंट सिस्टम यानी LPSS  के बारे में पूरी तरह से जान लेते हैं।

लाइट वेट एंड पोर्टेबल पेमेंट सिस्टम (LPSS) क्या है?

केंद्रीय बैंक के अनुसार, प्रस्तावित लाइट वेट एंड पोर्टेबल पेमेंट सिस्टम (LPSS) पारंपरिक तकनीकों से स्वतंत्र होगा और इसे न्यूनतम कर्मचारियों द्वारा कहीं से भी संचालित किया जा सकता है। वहीं , आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट), एनईएफटी (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर) और यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) जैसी मौजूदा पारंपरिक भुगतान प्रणालियां निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए बड़ी मात्रा में भुगतान करने के लिए डिजाइन की गई हैं।

लाइट वेट एंड पोर्टेबल पेमेंट सिस्टम (LPSS) कैसे करेगा काम?

आरबीआई का कहना है कि प्राकृतिक आपदाओं और युद्ध जैसी भयावह घटनाओं में पारंपरिक भुगतान प्रणालियों से पैसों का लेनदेन होना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में इस तरह की चरम और अस्थिर स्थितियों का सामना करने के लिए तैयार रहना बहुत जरूरी है। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, आरबीआई ने एलपीएसएस की परिकल्पना की है जो पारंपरिक तकनीकों से स्वतंत्र होगा और न्यूनतम कर्मचारियों द्वारा कहीं से भी संचालित किया जा सकता है।

कितना किफायती होगा ये सिस्टम?

आरबीआई ने कहा कि इसके न्यूनतम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर पर काम करने की उम्मीद है और इसे केवल जरूरत के आधार पर सक्रिय किया जाएगा। यह उन लेनदेन को प्रोसेस करेगा जो सरकार और बाजार से संबंधित लेनदेन जैसे अर्थव्यवस्था की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि ये देश में भुगतान और निपटान प्रणाली के लगभग शून्य डाउनटाइम को सुनिश्चित कर सकता है। यह थोक भुगतान, इंटरबैंक भुगतान और प्रतिभागी संस्थानों को नकदी के प्रावधान जैसी आवश्यक भुगतान सेवाओं के निर्बाध कामकाज को सुगम बनाएगा।

 


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