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आज हो सकती है आपके घर की बत्‍ती गुल, जानिए क्‍यों हड़ताल करेंगे 15 लाख बिजली कर्मचारी

Power Sector news एआईपीईएफ ने एक बयान में कहा कि बिजली कर्मचारी और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर देशभर के बिजली कर्मचारी और अभियंता केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।

By Ashish DeepEdited By: Published: Tue, 01 Feb 2022 08:34 AM (IST)Updated: Tue, 01 Feb 2022 08:52 AM (IST)
आज हो सकती है आपके घर की बत्‍ती गुल, जानिए क्‍यों हड़ताल करेंगे 15 लाख बिजली कर्मचारी
बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 का हो रहा विरोध। (Pti)

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। अखिल भारतीय विद्युत अभियंता संघ (AIPEF) ने कहा है कि केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के खिलाफ बिजली क्षेत्र के कर्मचारी मंगलवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे। एआईपीईएफ ने एक बयान में कहा कि बिजली कर्मचारी और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर देशभर के बिजली कर्मचारी और अभियंता केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।

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बयान के मुताबिक एनसीसीओईईई ने फैसला किया है कि उसकी कोर समिति के नेता 1 फरवरी को पंजाब के राज्यपाल से मुलाकात करेंगे और चंडीगढ़ के बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ उन्हें ज्ञापन सौपेंगे। एआईपीईफ के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने कहा कि एनसीसीओईईई के आह्वान पर देशभर के 15 लाख बिजली कर्मचारी और अभियंता केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के खिलाफ एक फरवरी को सभी जिला मुख्यालयों पर राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे।

बता दें कि ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने बीते साल अगस्‍त में कहा था कि बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 को जल्दबाजी में नहीं लाया जाना चाहिए और इसे ऊर्जा पर स्थायी समिति को भेजा जाना चाहिए। फेडरेशन ने आरोप लगाया था कि विद्युत अधिनियम 2003 ने उत्पादन के निजीकरण की इजाजत दी और अब प्रस्तावित विधेयक में बिजली वितरण का निजीकरण किया जा रहा है, जिससे राज्य की बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) दिवालिया हो जाएंगी। एआईपीईएफ के प्रवक्ता वीके गुप्ता ने कहा कि देश भर के बिजली इंजीनियर और कर्मचारी प्रस्तावित बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 के विरोध में कार्य बहिष्कार में शामिल होंगे।

क्‍या है विधेयक में

बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 के तहत बिजली कंपनियां टैरिफ बढ़ा सकती हैं। इस विधेयक का विरोध करने वालों में किसान भी शामिल हैं। किसान संगठनों का कहना है कि इससे बुरा असर पड़ेगा। दिसंबर में बिजली मंत्री आरके सिंह ने लोकसभा में कहा था कि बिजली संशोधन बिल 2021 को लेकर राज्यों के साथ अंतिम सहमति नहीं बन पाई है।


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