म्युचुअल फंड और पेंशन प्लान, रिटायरमेंट की बचत के लिए किसमें लगाएं पैसा, जानिए
अक्सर लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि म्युचुअल फंड और पेंशन प्लान में से कौन बेहतर है?
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अक्सर लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि म्युचुअल फंड और पेंशन प्लान में से कौन बेहतर है? दोनों में से किसमें पैसा लगाना ज्यादा फायदेमंद है। इस पर एक्सपर्ट का कहना है कि डायवर्सिफाइड म्युचुअल फंडों में 10,000 रुपये प्रति माह का सिप शुरू करना फायदेमंद रहेगा। इसके बाद रिटायरमेंट के बाद अपनी रकम को निकालकर एक्रुअल डेट फंड में शिफ्ट कर देना भी बेहतर है। फिर नियमित कैशफ्लो के लिए सिस्टेमैटिक विद्ड्रॉल प्लान (एसडब्लूपी) शुरू करना समझदारी भरा फैसला हो सकता है।
इसके अलावा पेंशन प्लान का विकल्प भी अपनाया जा सकता है। अगर कोई व्यक्ति निवेश करना चाहता है तो वह प्लान के भीतर ही डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड में हर महीने 10,000 रुपये निवेश कर सकता है। जब वह 58 साल का हो जाए तो रिटायर होने पर यह प्लान उनकी जुटार्इ गर्इ रकम को एन्युटी में बदल देगा। दोनों में ही एक जैसी रकम की बचत होगी।
बता दें कि म्युचुअल फंड में निवेश के बाद एसडब्लूपी के जरिए पैसे निकालने को रिडेम्पशन माना जाता है। पहले तीन साल के लिए इस पर टैक्स लगेगा। इसके बाद इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस की तरह लिया जाएगा। इस पर बिना इंडेक्सेशन के 10 फीसद की दर से टैक्स देना होगा। इसके पेंशन को इनकम की तरह माना जाएगा। इस पर प्रभावी स्लैब दर पर करों का भुगतान करना होगा। इसलिए जानकार म्युचुअल फंड को पेंशन प्लान से बेहतर मानते हैं।
इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति अपनी सैलरी से हर महीने 15,000 रुपये की बचत करता है, तो 6,000 रुपये एचडीएफसी हाइब्रिड इक्विटी और 3,000-3,000 रुपये पराग पारिख लॉन्ग टर्म इक्विटी, एचडीएफसी मिडकैप अपॉर्चुनिटीज और एचडीएफसी शॉर्ट टर्म डेट में निवेश करने के बारे में सोच सकता है। हालांकि बाजार में आए उथल पुथल से घबराए बिना बेहतर रिटर्न के लिए सिप में निवेश जारी रखना चाहिए।