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माता-पिता, बच्चे और आपकी पत्नी भी बचा सकती है आपका टैक्स, जानिए कैसे

अगर आपने अपने परिवार के सदस्यों और आश्रितों पर खर्चा किया है तो यह भी टैक्स बचाने में आपके लिए मददगार हो सकता है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 12:06 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 09:49 AM (IST)
माता-पिता, बच्चे और आपकी पत्नी भी बचा सकती है आपका टैक्स, जानिए कैसे
माता-पिता, बच्चे और आपकी पत्नी भी बचा सकती है आपका टैक्स, जानिए कैसे

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। चालू वित्त वर्ष 2018-19 खत्म होने को है और इस बीच करदाता टैक्स बचाने के लिए अपने तमाम दस्तावेज खंगालने में जुटे हुए हैं। आमतौर पर करदाता अपना सालाना टैक्स बचाने के लिए आयकर की धारा 80C का ही सहारा लेते हैं, या यूं कहें कि उन्हें टैक्स बचाने वाली सिर्फ इसी आयकर धारा की जानकारी होती है। हालांकि इसके अलावा भी काफी सारे तरीके हैं जहां आपके माता-पिता, पत्नी और बच्चे भी

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टैक्स बचत में आपकी मदद कर सकते हैं। जानिए आखिर ऐसा कैसे कर सकते हैं आप:

अपनी पत्नी, बच्चों और माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदकर: अगर आपके माता-पिता के पास कोई भी हेल्थ इंश्योरेंस नहीं है तो आप खुद उनके लिए पॉलिसी खरीद सकते हैं। ऐसा कर न सिर्फ आप उनके बीमार होने की सूरत में संभावित आर्थिक मुश्किलों को दूर करना सुनिश्चित कर सकते हैं बल्कि आप ऐसा कर खुद का टैक्स भी बचा सकते हैं।

आयकर की धारा 80D के अंतर्गत इनकम टैक्स एक्ट आपको टैक्स बेनिफिट क्लेम करने की इजाजत देता है। अगर आपके पिता 60 वर्ष की आयु से कम के हैं तो इस धारा के अंतर्गत आप 25,000 रुपये की टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं। वहीं अगर आपके माता-पिता 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं तो आप 30,000 रुपये की टैक्स कटौती का क्लेम कर सकते हैं। खुद के लिए, जीवनसाथी के लिए और आश्रित बच्चों के लिए 80D की यह सीमा अधिक हो जाती है।

उदाहरण से समझिए: आश्रित बीमार या विकलांग व्यक्ति पर किया गया खर्च: अगर आप किसी बीमार या विकलांग व्यक्ति जो कि आप पर आश्रित है उस पर खर्च करते हैं, जैसे कि उसके इलाज इत्यादि में तो आप आयकर की धारा 80D और 80DDB के अंतर्गत टैक्स क्लेम कर सकते हैं।

आश्रित बच्चे की हेल्थ पॉलिसी लेने पर मिलता है बेनिफिट: अगर आपने अपने आश्रित बच्चे के नाम पर पॉलिसी ले रखी है तो आप उस पर भी टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं, हालांकि आपको यह साबित करना होगा कि वह बच्चा पूरी तरह से आप पर ही आश्रित है।

आश्रित के इलाज पर खर्च बचा सकता है आपका पैसा: अगर कोई व्यक्ति खुद के ऊपर या अपने ऊपर आश्रित व्यक्ति की विशेष बीमारी के उपचार में खर्च करता है तो उसे 80डीडीबी के तहत कर लाभ मिलता है। इसमें माता-पिता, बच्चे और भाई-बहन शामिल होते हैं। एचयूएफ के मामले में इस कटौती का लाभ किसी भी सदस्य की ओर से किए गए व्यय के लिए किया जा सकता है। 

80DDB के अंतर्गत कौन कर सकता है टैक्स कटौती के लिए क्लेम?

आयकर की धारा 80DDB के अंतर्गत टैक्स डिडक्शन का क्लेम इंडिविजुअल या एचयूएफ की ओर से किया जा सकता है। किसी कॉरपोरेट या संस्था की ओर से इस तरह का क्लेम नहीं किया जा सकता है। वहीं इस तरह का टैक्स डिडक्शन क्लेम सिर्फ करदाता की ओर से किया जा सकता है। यह सेक्शन नॉन रेजिडेंशियल इंडियन पर लागू नहीं होता है। डिडक्शन सिर्फ उसी व्यक्ति की ओर से किया जा सकता है जिसने खर्चा किया हो।

80DDB के अंतर्गत किसके इलाज के खर्च पर क्लेम कर सकते हैं टैक्स डिडक्शन?

80DDB के अंतर्गत सिर्फ वही व्यक्ति टैक्स डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकता है जिसने इलाज के लिए खर्चा किया हो। हालांकि, चिकित्सा खर्च निम्नलिखित लोगों के इलाज के लिए किया जा सकता है:

  • इंडिविजुअल के मामले में चिकित्सा व्यय करदाता या उसके किसी आश्रित के चिकित्सा उपचार पर किया जा सकता है। इस खंड के संबंध में 'आश्रितों' में पति-पत्नी, उनके बच्चे, उनके माता-पिता, व्यक्ति या किसी की बहनें या उनमें से कोई भी शामिल माना जाएगा।
  • हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली के मामले में चिकित्सा व्यय करदाता या उसके किसी आश्रित के चिकित्सा उपचार पर किया जा सकता है।

80DDB के अंतर्गत किस तरह का उपचार शामिल होता है?

निर्दिष्ट रोगों या बीमारियों के चिकित्सा उपचार के लिए किए गए चिकित्सा व्यय पर 80DDB के तहत टैक्स कटौती क्लेम करने की अनुमति मिलती है। इसमें इन-इन बीमारियों का उपचार शामिल माना जा सकता है।

  • न्यूरोलॉजिकल बीमारी, जिसकी पहचान एक विशेशज्ञ की ओर से की गई हो और जहां विकलांगता का स्तर 40% या उससे अधिक प्रमाणित किया गया हो। इसके इलावा इसमें डिमेंशिया (पागलपन), डिस्टोनिया मस्कुलरम डिफॉर्मन्स. चोरिया, मोटर न्यूरॉन डिजीज़, एटेक्सिया, अल्फासिया, पर्किंसन डिजीज़ और हेमीबलिस्मस शामिल होती हैं।
  • मैलाइन कैंसर
  • AIDS- एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम
  • क्रोनिक रेनल फेल्योर
  • हिमेटोलॉजिकल डिसऑर्डर जैसे की हीमोफीलिया या थैलेसीमिया

कितने की टैक्स बचत कर सकते हैं क्लेम?

किन डॉक्यूमेंट्स की होती है जरूरत?

  • 80DDB के अंतर्गत टैक्स डिडक्शन क्लेम करने के लिए करदाता की ओर से उपचार के आवश्यक प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है और साथ ही यह भी साबित करना होगा कि वास्तव में इलाज किया गया है। इसलिए यह अनिवार्य है कि एक योग्य डॉक्टर से उपचार का प्रिस्क्रिप्शन लिया जाए।
  • इससे पहले सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों से इस तरह का प्रिस्क्रिप्शन प्राप्त करना आवश्यक था। हालांकि वित्त वर्ष 2016-17 में इसमें थोड़ी ढील दी गई और अब प्रिस्क्रिप्शन को किसी प्राइवेट अस्पताल के संबंधित विशेषज्ञ से भी प्राप्त किया जा सकता है।
  • न्यूरोलॉजी संबंधी बीमारी में न्यूरोलॉजी में डॉक्टरेट ऑफ मेडिसिन वाले न्यूरोलॉजिस्ट से एक प्रिस्क्रिप्शन लेना अनिवार्य है, या उसके पास इससे मिलती जुलती डिग्री होनी चाहिए।
  • मैलाइन कैंसर की स्थिति में ऑन्कोलॉजी में डॉक्टर ऑफ मेडिसिन वाले एक ऑन्कोलॉजिस्ट से या इससे मिलती जुलती डिग्री वाले डॉक्टर से प्रिस्क्रिप्शन लेना अनिवार्य है।

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