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सूचीबद्धता नियमों का अनुपालन न करने पर जेट एयरवेज, IL&FS सहित 250 कंपनियों पर जुर्माना

NSE ने सूचीबद्धता से जुड़े नियमों का अनुपालन नहीं करने पर जेट एयरवेज और आईएलएंडएफएस (ILFS) समूह की दो कंपनियों समेत 250 कंपनियों पर जुर्माना लगाया है

By Manish MishraEdited By: Published: Wed, 15 May 2019 06:38 PM (IST)Updated: Thu, 16 May 2019 09:42 AM (IST)
सूचीबद्धता नियमों का अनुपालन न करने पर जेट एयरवेज, IL&FS सहित 250 कंपनियों पर जुर्माना
सूचीबद्धता नियमों का अनुपालन न करने पर जेट एयरवेज, IL&FS सहित 250 कंपनियों पर जुर्माना

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्‍क)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने सूचीबद्धता से जुड़े नियमों का अनुपालन नहीं करने पर जेट एयरवेज और आईएलएंडएफएस (IL&FS) समूह की दो कंपनियों समेत 250 कंपनियों पर जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना 31 मार्च 2019 को समाप्त तिमाही के लिए लगाया गया है। एनएसई ने बुधवार को यह जानकारी दी। एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, कंपनियों पर नियमों का अनुपालन नहीं करने पर कुल 8.84 करोड़ रुपये से अधिक जुर्माना लगाया गया। एक्सचेंज ने कहा कि उसका यह कदम बाजार नियामक सेबी के परिपत्र के मुताबिक है, जिसमें लिस्टिंग ऑब्लिगेशंस डिसक्‍लोजर रिक्‍वायरमेंट (LODR) विनियमों के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने के लिए एक स्‍टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर रखी गई है। 

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कंपनियों पर 1,000 रुपये से लेकर 4.5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है। अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड, ऑयल इंडिया लिमिटेड और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन समेत 31 कंपनियों पर 4.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। निदेशक मंडल की संरचना से जुड़े एलओडीआर विनियमन के नियम 17 का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर 4.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

मई 2018 में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड एक प्रणाली लेकर आया था जिसके जरिए सूचीबद्धता नियमों के अनुपालन न करने की जांच की जा सके। एक्‍सचेंजों को यह अधिकार दिया गया था कि वे डिफॉल्‍ट करने वाली कंपनियों के प्रमोटर्स की शेयरहोल्डिंग्‍स को फ्रीज कर सकें और जरूरत होने पर शेयरों को डीलिस्‍ट भी कर सकें।  

इनके अलावा, ऐसी कंपनियों पर एक्‍सचेंज जुर्माना भी लगा सकता है। ऐसी कंपनियों के शेयरों को रेस्ट्रिक्‍टेड ट्रेडिंग कैटेगरी में डाल सकता है और ऐसी इकाइयों के शेयरों को ट्रेडिंग के लिए सस्‍पेंड भी कर सकता है। 

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