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फिक्स्ड डिपॉजिट या एनएससी, जानिए कौन है निवेश के लिए बेहतर ऑप्शन

टैक्स बचत के साथ सुरक्षित निवेश के लिए लोग फिक्स्ड डिपॉजिट और एनएससी को चुनते हैं।

By NiteshEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 06:06 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jan 2019 08:46 AM (IST)
फिक्स्ड डिपॉजिट या एनएससी, जानिए कौन है निवेश के लिए बेहतर ऑप्शन
फिक्स्ड डिपॉजिट या एनएससी, जानिए कौन है निवेश के लिए बेहतर ऑप्शन

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। टैक्स बचत के साथ सुरक्षित निवेश के लिए लोग फिक्स्ड डिपॉजिट और एनएससी को चुनते हैं। वैसे तो दोनों निवेश विकल्प बेहतर हैं लेकिन इन दोनों के बीच बारिक फर्क समझने के लिए दोनों के बारे जानना होगा। हम इस खबर में आपको एनएससी और फिक्स्ड डिपॉजिट के बारे में बता रहे हैं।

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एनएससी: नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) में निवेश आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। आयकर अधिनियम की धारा 80सी के अंतर्गत एनएससी में निवेश पर आय से 100000 रुपए तक की छूट प्राप्त की जा सकती है। एनएससी में निवेश किसी भी पोस्ट ऑफिस, जहां पर सेविंग अकाउंट खोलने की सुविधा उपलब्ध है, वहां से किया जा सकता है। एनएससी पर अर्जित ब्याज प्रत्येक वर्ष की आय में शामिल किया जाता है।

चूंकि प्रथम पांच वर्ष का ब्याज मैच्योरिटी पर दिया जाता है इसलिए उसे संबंधित वर्ष में रिइन्वेस्टमेंट मानकर उसकी भी छूट धारा 80 सी के तहत मिल जाती है। एनएससी में हालांकि सरकारी गारंटी भी है। निवेश का यह माध्यम खास तौर पर उस व्यक्ति के लिए बेहतर है जो पांच फीसद टैक्स ब्रैकेट में आता है और जो सेक्शन 80C के तहत मिलने वाले 1.5 लाख रुपये के कुल लाभ का फायदा नहीं उठा पाता।

फिक्स्ड डिपॉजिट: फिक्स्ड डिपॉजिट भी निवेश के लिए बेहतर विकल्प है। जब कोई व्यक्ति किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में फिक्स्ड डिपॉजिट करवाता है तो यह निवेश पूरी तरह से जोखिम रहित होता है। फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि पूरी होने के बाद निवेशक को पूरी राशि ब्याज के साथ वापस मिल जाती है।

इसमें ब्याज दर सीनियर सिटीजन के लिए कुछ अधिक होती है। साथ ही बैंक भी समय-समय पर इसकी समीक्षा करके बाजार के अनुरूप फिक्स्ड डिपॉजिट की दर को तय करते हैं। तमाम बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट की दर में मामूली अंतर होता है। कई बार बैंक ज्यादा से ज्यादा निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से ग्राहकों को फिक्स्ड डिपॉजिट पर ऊंची दर की पेशकश करते हैं। बैंक एफडी पर निवेशक को 8 से 8.5 फीसद के आसपास का ब्याज मिलता है। इसकी सामान्य सावधि जमा (एफडी) की न्यूनतम अवधि 5 साल होती है।

डाकघर सावधि जमा जिसकी राशि 5 साल में मैच्योर होती है वो भी आयकर की धारा 80 सी के अंतर्गत कर कटौती योग्य होती है। मौजूदा आयकर कानून की धारा 80C की मदद से आप टैक्स सेविंग एफडी में किए निवेश पर 1.5 लाख रुपए तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं। आपकी ग्रॉस टोटल इनकम में से आपकी ओर से टैक्स सेविंग एफडी में निवेश की गई राशि को घटाकर टैक्सेबल इनकम निकाली जाती है।


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