FPI को निशाना बना कर नहीं लगाया गया अमीर व्यक्तियों पर अधिक टैक्स
केंद्र सरकार ने कहा है कि अमीर व्यक्तियों पर अधिक कर लगाए जाने का लक्ष्य FPI को निशाना बनाना नहीं है
नई दिल्ली, पीटीआइ। बजट 2019 में प्रस्तावित नई टैक्स व्यवस्था को लेकर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की कड़ी आलोचनाओं का सामना कर रही केंद्र सरकार ने कहा है कि अमीर व्यक्तियों पर अधिक कर लगाए जाने का लक्ष्य FPI को निशाना बनाना नहीं है। केंद्र सरकार के अनुसार, कम दर से टैक्स देने के लिए विदेशी निवेशकों के पास कॉरपोरेट कंपनी के रूप में खुद को बदलने का ऑप्शन भी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने 5 जुलाई को अपने पहले बजट भाषण में अत्यधिक अमीर लोगों द्वारा दिए जाने वाले इनकम टैक्स पर सरचार्ज बढ़ाने का प्रस्ताव किया था।
हालांकि, 40 प्रतिशत एफपीआई ऑटोमैटिकली उच्च कर दर वाले स्लैब में आ गए हैं क्योंकि वे ट्रस्ट या व्यक्तियों के संघ (AOP) जैसी गैर-कॉरपोरेट संस्थाओं के रूप में निवेश करते रहे हैं। आयकर कानून के मुताबिक इन्हें टैक्सेशन के नजरिये से एक व्यक्ति के तौर पर ही वर्गीकृत किया गया है।
एक शीर्षस्थ सरकारी सूत्र ने बताया कि ऐसी तस्वीर पेश की जा रही है कि सरकार ने केवल एफपीआई पर सरचार्ज में बढ़ोतरी कर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को लक्ष्य किया है। यह धारणा पूरी तरह गलत है। सभी अमीर व्यक्तियों एवं गैर-कॉरपोरेट संस्थाओं के लिए सरचार्ज में बढ़ोतरी की गई है, चाहे वह घरेलू निवेशक हों या विदेशी, एफपीआई या एफआईआई। कंपनियों के लिए सरचार्ज नहीं बढ़ाया गया है, चाहे वे घरेलू हों या विदेशी।
सीतारमण ने अपने बजट प्रस्ताव में दो करोड़ रुपये से पांच करोड़ रुपये की सालाना आमदनी वाले व्यक्तियों पर लगने वाले सरचार्ज को 15 से बढ़ाकर 25 फीसद कर दिया है। इसके अलावा पांच करोड़ रुपये से अधिक की कमाई वालों पर सरचार्ज बढ़ाकर 37 फीसद कर दिया गया है। इससे इन दोनों समूहों के लिए प्रभावी कर 39 फीसद और 42.74 फीसद हो गया है।
सूत्र ने कहा कि सभी तरह की व्यक्तिगत आय पर सरचार्ज में बढ़ोतरी की गई है, चाहे वह आमदनी वेतन के जरिए प्राप्त हो या बचत, ब्याज, म्युचुअल फंड, शेयर बाजार या फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस सेगमेंट में कारोबार या किसी अन्य माध्यम के जरिए।