Move to Jagran APP

दिवाली के दिन साल में एक बार शाम को क्यों खुलता है शेयर बाजार, जानिए इसके बारे में

दिवाली के दिन होने वाली खास ट्रेडिंग को मुहूर्त ट्रेडिंग कहा जाता है। प्रकाश पर्व दिवाली के दिन भी शेयर बाजार खुलते हैं और इस दिन शेयर बाजार में ट्रेड करके ब्रोकर शगुन करते हैं

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 05:44 PM (IST)Updated: Wed, 07 Nov 2018 07:30 AM (IST)
दिवाली के दिन साल में एक बार शाम को क्यों खुलता है शेयर बाजार, जानिए इसके बारे में
दिवाली के दिन साल में एक बार शाम को क्यों खुलता है शेयर बाजार, जानिए इसके बारे में

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय शेयर बाजार में तकनीक और काम (बिजनेस) करने के तरीकों को लेकर समय समय पर बदलाव होते रहे हैं, इसी क्रम में दिवाली के लिए शेयर बाजार में खास ट्रेडिंग होती है जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग का नाम दिया गया है। ब्रोकर्स इस ट्रेडिंग को पूरे जोश के साथ मनाते हैं। मुहूर्त ट्रेडिंग स्टॉक मार्केट और गोल्ड मार्केट दोनों में होती है। हम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको इसकी पूरी जानकारी दे रहे हैं। बताते चलें कि मुहूर्त ट्रेडिंग के साथ ही नए संवत के कारोबार की शुरुआत भी होती है।

loksabha election banner

आखिर क्या होती है मुहूर्त ट्रेडिंग?

दिवाली के दिन होने वाली खास ट्रेडिंग को मुहूर्त ट्रेडिंग कहा जाता है। प्रकाश पर्व दिवाली के दिन भी शेयर बाजार खुलते हैं और इस दिन शेयर बाजार में ट्रेड करके ब्रोकर शगुन करते हैं। हां यह अलग बात है कि हर साल इसका समय बदलता रहता है। यह एक ऐसी परंपरा है जो कई सालों से चली आ रही है। इस साल यह ट्रेडिंग डेढ़ घंटे की होगी जो कि 5 बजे से लेकर 6 बजकर 30 मिनट तक चलेगी।

इस साल मुहूर्त ट्रेडिंग का वक्त:

  • ब्लॉक डील सेशन: 5:00 pm से 5:15 pm तक
  • प्री ओपन सेशन: 5:15 pm से 5:23 pm
  • सामान्य ट्रेडिंग: 5:30 pm से 6:30 pm
  • कूलिंग पीरियड: 6:30 pm से 6:40 pm

मुहुर्त का होता है प्रतीकात्मक महत्व: लोग इस दौरान खरीदे गए शेयर्स को दीर्घ अवधि के लिए रखते हैं। कुछ लोग इनपर प्रॉफिट कमाते हैं, तो कुछ उसी दिन बेच देते हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो इसे टोकन मनी के रूप में देखते हैं। इस दिन स्टॉक ब्रोकर्स अपने ऑफिस में दिये जलाते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और मिठाई बांट कर दिन की शुरुआत करते हैं। यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है। गुजरातियों और मारवाड़ियों के लिए दिवाली से नया वर्ष शुरू हो जाता है। इस दिन पुरानी अकाउंट बुक बंद कर दी जाती हैं और नये संवत की शुरुआत के साथ नई अकाउंट बुक खोली जाती हैं।

क्या है परंपरा?

उत्तर भारत के व्यापारी दिवाली से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत करते हैं। धनतेरस और दिवाली के दिन अपनी अकाउंट बुक और तिजोरी की पूजा करते हैं। पूजा से पहले अकाउंट बुक पर एक सिक्का रखा जाता है। यहां सिक्के का महत्व धन से है। ऐसा माना जाता है कि दिवाली पूजा की रात को देवी लक्ष्मी पूजा स्थल पर आती हैं। इसलिए व्यापारी और दुकानदार रातभर दिये और लाइट जलाकर जागते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.