जानिये क्या है पीएफ, पीपीएफ और जीपीएफ अकाउंट, कैसे हैं एक-दूसरे से अलग
प्रोविडेंट फंड के लिए अलग-अलग अकाउंट खोले जाते हैं।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। प्रोविडेंट फंड के लिए अलग-अलग अकाउंट खोले जाते हैं। इसमें तीन सबसे ज्यादा प्रचलित है। ये हैं प्रोविडेंट फंड (पीएफ) पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) और गवर्नमेंट प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ)। आइए जानते हैं कि ये तीनों क्या हैं और किस तरह एक-दूसरे से अलग हैं।
पीएफ अकाउंट
पीएफ अकाउंट किसी भी कर्मचारी को हो सकता है। प्राइवेट नौकरी और सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारी इस अकाउंट को खोल सकते हैं। इसे नियोक्ता द्वारा खोला जाता है और कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों की तरफ से 12-12 फीसद की योगदान दिया जाता है। नियोक्ता के 12 फीसद में से 8.33 फीसद कर्मचारी की पेंशन में जाता है। जरूरत पड़ने पर कर्मचारी अपने पीएफ फंड को निकाल सकता है।
पीपीएफ अकाउंट
पीपीएप अकाउंट खोलने के लिए खाताधारक को नौकरीपेशा होना जरूरी नहीं है। कोई भी नागरिक यह खाता खुलवा सकता है। यह खाता बचत कम टैक्स सेविंग अकाउंट होता है। इस खाते में होने वाली जमा राशी कर मुक्त होती है। साथ ही इस राशि पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी के पैसे पर कर नहीं लगता। इसका मैच्योरिटी पीरियड 15 साल को होता है। इसमें सालाना 500 रुपये से 1.5 लाख रुपये तक निवेश किया जा सकता है। इस खाते को नाबालिग के नाम पर भी खुलवाया जा सकता है।
जीपीएफ अकाउंट
जीपीएफ अकाउंट एक तरह से प्रोविडेंट फंड है, लेकिन इसे प्राइवेट कर्मचारी नहीं खुलवा सकते। इस खाते की सुविधा सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को मिलती है। इसमें जमा पैसा रिटायरमेंट के वक्त सरकारी कर्मचारी को मिल जाता है। इस सुविधा का फायदा उठाने के लिए कर्मचारी को अपनी सैलरी का एक हिस्सा जीपीएफ में जमा करना होता है। अगर कर्मचारी को लोन की जरूरत होती है तो इस खाते से लोन लिया जा सकता है। इस लोन पर कोई ब्याज नहीं लगता। कर्मचारी जितनी बार चाहे, इस अकाउंट से लोन ले सकता है।