जीपीएफ, ईपीएफ और पीपीएफ में क्या होता है अंतर, जानिए
जीपीएफ, पीपीएफ और ईपीएफ एक जैसे मालूम देते हैं लेकिन तीनों में मूलभूत अंतर होते हैं।
नई दिल्ली: भविष्य की जरूरतों के लिहाज से तीन स्कीमें प्रमुखता से सामने आती हैं, जिनमें जीपीएफ, पीपीएफ और ईपीएफ शामिल है। आम तौर पर एक जैसा साउंड करने वाली तीनों स्कीमों को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, लेकिन ये तीनों स्कीम एकदम अलग अलग है और इनके फायदे भी अलग-अलग होते हैं। हम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको इसी के बारे में बताने की कोशिश करेंगे।
पीपीएफ: कोई भी व्यक्ति ऐच्छिक रूप से जिस संचित निधि में निवेश कर सकता है, उसे पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) कहा जाता है।
ईपीएफ: संगठित व असंगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए संचित निधि की जो व्यवस्था है, उसको इम्प्लॉयीज प्रॉविडेंट फंड (ईपीएफ) कहा जाता है। इसमें नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का योगदान होता है। इंम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) को कर्मचारी भविष्य निधि भी कहते हैं, यह वो पैसा होता है, जो कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी से कट कर प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन में जमा होता है।
जीपीएफ: सरकारी कर्मचारियों के लिए जो संचित निधि की व्यवस्था है, उसको जनरल प्रॉविडेंट फंड (जीपीएफ) कहा जाता है। इसमें केवल सरकारी कर्मचारियों का योगदान होता है, सरकार का कोई योगदान नहीं होता।
जाने तीनों में क्या होता है बेसिक अंतर-
ईपीएफ | पीपीएफ | जीपीएफ | |
क्या है स्कीम? | संगठित व असंगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए संचित निधि की व्यवस्था। | कोई भी ऐच्छिक रूप से जिस संचित निधि में निवेश कर सकता है, पीपीएफ कहते हैं। | सरकारी कर्मचारियों के लिए संचित निधि की व्यवस्था को जीपीएफ कहते हैं। |
किसके लिए? | सिर्फ वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए। | इसमें कोई भी खाता खुलवा सकता है। | सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए। |
कहां खुलवाएं खाता | इसे वेतनभोगी कर्मचारियों का नियोक्ता खुलवाता है। | कोई भी व्यक्ति इसे सरकारी/प्राइवेट बैंक/डाकघर में खुलवा सकता है। | इसे सरकारी बैंक के कर्मचारियों के लिए ही खोला जाता है। |
लॉक इन पीरियड | रिटायरमेंट या इस्तीफा देने के बाद। | 15 साल का लॉकिंग पीरियड। | रिटायरमेंट/सेवानिवृत्ति के बाद। |
पैसों की निकासी | आप जरूरत पड़ने पर कुछ सबसे जरूरी दस्तावेज दिखाकर बीच अवधि में भी अपना पैसा निकाल सकते हैं। |
जब तक मच्योरिटी पीरियड पूरा नहीं होता तब तक आप इसमें से पैसा नहीं निकाल सकते हैं। |
इस खाते में जमा राशि का भुगतान आम तौर पर कर्मचारी की सेवानिवृत्ति/ रिटायरमेंट के बाद किया जाता है। |
आयकर छूट | 5 साल से पहले निकाला तो धनराशि पर टैक्स लगेगा। अन्यथा 80C के अंतर्गत छूट। | खाते में जमा राशि पर 80C के अंतर्गत छूट और मेच्योरिटी अमाउंट पर टैक्स नहीं है। | इस फंड में जमा रकम आयकर की धारा 80सी के अंतर्गत टैक्स छूट के दायरे में आती है। |
ब्याज दर | 8.65 फीसद की ब्याज दर। |
7.9 फीसद की ब्याज दर। |
जीपीएफ खाते में जमा रकम पर 8 फीसद की दर से ब्याज दिया जाता है। |