Move to Jagran APP

क्या होते हैं इलेक्टोरल बॉण्ड और कैसे करते हैं काम, जानिए

आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 के आम बजट के दौरान अपना यह विचार रखा था, ताकि राजनीतिक फंडिंग को और अधिक पारदर्शी बनाया जा सके

By Praveen DwivediEdited By: Published: Tue, 02 Jan 2018 06:47 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jan 2018 08:10 AM (IST)
क्या होते हैं इलेक्टोरल बॉण्ड और कैसे करते हैं काम, जानिए
क्या होते हैं इलेक्टोरल बॉण्ड और कैसे करते हैं काम, जानिए

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। केंद्र सरकार ने आज संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान इलेक्टोरल बॉण्ड (निर्वाचन बॉण्ड) जारी करने की शर्तों को अंतिम रूप दिया। ये बॉण्ड प्रॉमिसरी नोट्स की ही तरह इंटरेस्ट फ्री बैंकिंग इंस्ट्रूमेंट्स होंगे। इसे एक विशिष्ट बैंक की मदद से एक योग्य राजनीतिक दल की ओर से ही भुनाया जा सकता है। यह जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में दी है।

loksabha election banner

आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 के आम बजट के दौरान अपना यह विचार रखा था, ताकि राजनीतिक फंडिंग को और अधिक पारदर्शी बनाया जा सके। दरअसल यह बॉण्ड उस कैश डोनेशन के लिए एक विकल्प उपलब्ध करवाएगा जो राजनीतिक पार्टियों को दिए जाते हैं। हम अपनी इस रिपोर्ट में आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर ये बॉण्ड किस तरह से काम करते हैं....

क्या है इलेक्टोरल बॉण्ड:

  • यह एक प्रॉमिसरी नोट्स (वचन पत्र) के साथ वाला बियरर इंस्ट्रूमेंट होता है।
  • यह एक इंटरेस्ट फ्री बैकिंग इंस्ट्रूमेंट है।

कौन खरीद सकता है इलेक्टोरल बॉण्ड:

  • भारत का नागरिक या भारतीय संघ में शामिल कोई इकाई
  • कहां से खरीदे जा सकते हैं ये बॉण्ड:
  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की किसी शाखा का चयन करें।

कितने गुणांक में हो सकते हैं ये बॉण्ड:

  • इन्हें एसबीआई की विशेष शाखाओं से 1,000 एवं 10,000 एवं 1,00,000 एवं 10,00,000 एवं 1,00,00,000 के गुणांक में जारी किया जाएगा।

इलेक्टोरल बॉण्ड को खरीदने के लिए ग्राहक को क्या करना चाहिए?

  • खाते खोलते समय मौजूदा केवाईसी आवश्यकताओं को पूरा करना होगा।
  • बॉण्ड की खरीद का भुगतान बैंक अकाउंट के जरिए ही किया जा सकता है।
  • इस बॉण्ड में भुगतानकर्ता का नाम शामिल नहीं होगा।

क्या होगी इस बॉण्ड की अवधि?

  • इस बॉण्ड की अवधि या वैलिडिटी 15 दिनों की होगी।

कब खरीदे जा सकते है बॉण्ड?

  • जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर के प्रत्येक 10 दिन में।
  • लोकसभा चुनावों के दौरान अतिरिक्त तीस दिनों के बारे में जानकारी दी जाएगी।

कौन सी पार्टियां खरीद पाएंगी इलेक्टोरल बॉण्ड?

  • उन्हीं पार्टियों को इलेक्टोरल बॉण्ड के जरिए डोनेशन दिया जा सकेगा जो कि रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपुव एक्ट 1951 के सेक्शन 29 के अतर्गत रजिस्टर्ड होंगी।
  • जिन पार्टियों ने बीते लोकसभा या विधानसभा चुनाव में कुल वोटों में से 1 फीसद से ज्यादा वोट हासिल किए हों।

इन बॉण्ड्स को कैसे कराया जा सकेगा इनकैश?
राजनीतिक दल एक नामित बैंक खाते के माध्यम से इस बॉण्ड को भुना पाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.