जानें क्या है, Rcom मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश और क्या है एरिक्सन मामला?
एरिक्सन ने आरकॉम का टेलीकॉम नेटवर्क संभालने के लिए वर्ष 2014 में एक डील की थी
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अनिल अंबानी को बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 4 हफ्तों के भीतर स्वीडिश कंपनी एरिक्सन की बकाया राशि लौटाने का आदेश दिया है। अनिल अंबानी को अवमानना का दोषी पाया गया है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक अनिल अंबानी को चार हफ्तों के भीतर एरिक्सन की 453 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। अगर वो ऐसा करने से चूक जाते हैं तो उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है।
क्या है एरिक्सन मामला?
एरिक्सन ने वर्ष 2014 में आरकॉम के साथ उसके टेलीकॉम नेटवर्क को संभालने के लिए 7 वर्ष की एक डील की थी। वर्ष 2016 तक बकाए का भुगतान न किए जाने पर एरिक्सन ने आरकॉम एवं उसकी ग्रुप कंपनियों (आर इन्फ्राटेल और रिलायंस टेलिकॉम) के खिलाफ सितंबर 2017 में एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया।
नैशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने 30 मई को अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली आरकॉम एवं इसकी दो ग्रुप कंपनियों के खिलाफ शुरू की गई कॉर्पोरेट दिवाला संकल्प प्रक्रिया पर रोक लगा दी।
एनसीएलएटी का आदेश ऐसे समय में सामने आया जब एरिक्सन जिसने दिवालिया प्रक्रिया की शुरुआत की थी इस बात पर राजी हो गई कि आरकॉम सिर्फ 550 करोड़ रुपये का भुगतान 30 सितंबर तक कर दे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आरकॉम को 15 दिसंबर तक भुगतान करने के आदेश दिए थे। लेकिन आरकॉम ने इसका पेमेंट भी नहीं किया। इसके बाद एरिक्सन ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर दी।
एरिक्सन ने 550 करोड़ रुपये का बकाया नहीं चुकाने के मामले में अनिल अंबानी, रिलायंस टेलीकॉम के चेयरमैन सतीश सेठ और रिलायंस इन्फ्राटेल की चेयरपर्सन छाया विरानी और एसबीआई के चेयरमैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की याचिका दायर की थी।
मामले पर क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
- रिलायंस की ओर से बिना शर्त माफी को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
- आरकॉम ग्रुप को अवमानना का दोषी पाते हुए 4 हफ्तों के भीतर एरिक्सन को 453 करोड़ रुपये के भुगतान का आदेश दिया।
- अगर अनिल अंबानी इस भुगतान को करने में असफल रहते हैं तो उन्हें तीन महीने की जेल की भी सजा हो सकती है।
- कोर्ट ने अनिल अंबानी और दो अन्य निदेशकों पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।