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Budget 2019: जसवंत सिंह को मिल चुका है सर्वश्रेष्ठ सांसद का सम्मान, जानिए वित्त मंत्री के तौर पर कैसा रहा है काम

जसवंत सिंह 1980 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए। जब 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार आई तो सिंह ने वित्तमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला।

By NiteshEdited By: Published: Thu, 27 Jun 2019 01:00 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jul 2019 08:31 AM (IST)
Budget 2019: जसवंत सिंह को मिल चुका है सर्वश्रेष्ठ सांसद का सम्मान, जानिए वित्त मंत्री के तौर पर कैसा रहा है काम
Budget 2019: जसवंत सिंह को मिल चुका है सर्वश्रेष्ठ सांसद का सम्मान, जानिए वित्त मंत्री के तौर पर कैसा रहा है काम

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। 5 जुलाई को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश होगा। संसद में इसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। 4 जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण जारी होगा। बजट को लेकर लगातार बैठकों का दौर जारी है। मोदी सरकार के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद लोगों की उम्मीदें भी उनसे काफी ज्यादा हैं। इस साल के शुरुआत में पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था। बजट के दौरान गोयल ने इस बात की ओर से इशारा किया था कि जब पूर्ण बजट पेश होगा उसमें कर दाता को कुछ और टैक्स बेनिफिट मिल सकता है। देश में कई वित्त मंत्रियों ने बजट पेश किया है, जो किसी न किसी वजह से खास रहा है, लेकिन हम इस खबर में पूर्व वित्त मंत्री जसवंत सिंह के बारे में बता रहे हैं।

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शुरुआती जीवन

जसवंत सिंह का जन्म 3 जनवरी 1938 को राजस्थान के बाड़मेर जिले के गांव जसोल में राजपूत परिवार में हुआ। पिता का नाम ठाकुर सरदारा सिंह और माता कुंवर बाई सा थीं। उन्होंने अजमेर से बीए, बीएससी किया, इसके अलावा भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून और खड़गवासला से भी सैन्य ट्रेनिंग ली। वे पंद्रह की उम्र में भारतीय सेना में शामिल हो गए। जसवंत सिंह 1960 के दशक में भारतीय सेना में अधिकारी थे।

राजनीति में एंट्री

जसवंत सिंह 1980 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए। जब 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार आई तो सिंह ने वित्तमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला। हालांकि, उनके 15 दिन वित्तमंत्री रहने के बाद ही वाजपेयी सरकार गिर गई। दो साल बाद 1998 में जब दोबारा वाजपेयी सरकार आई तब उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया। 2000 में उन्होंने भारत के रक्षामंत्री का कार्यभार संभाला। साल 2002 में यशवंत सिन्हा के स्थान पर उन्हें वित्तमंत्री बनाया गया और मई 2004 तक उन्होंने वित्तमंत्री के रूप में कार्य किया। एनडीए के 2004 में सत्ता से बाहर होने पर जसवंत सिंह ने 2004 से 2009 तक लीडर ऑफ ओपोजिशन के तौर पर अपनी सेवाएं दीं।

वह भारत के सबसे लंबे समय तक सेवारत सांसदों में से एक है, जिसके पास 1980 या 2014 के बीच लगातार दोनों सदनों में से किसी एक में सदस्यता रही है। वह भाजपा के टिकट पर पांच बार राज्यसभा और चार बार लोकसभा के लिए चुने गए हैं। राज्य सभा के लिए (1980, 1986, 1998, 1999, 2004) लोकसभा के लिए (1990, 1991, 1996, 2009)। 


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