ITR 2018: इन 5 तरीकों से हुई आय पर नहीं देना होता है टैक्स, जान लीजिए
यदि साझेदारी फर्म का कर निर्धारण अलग से हो चुका है, तो फर्म की कुल आय में से प्रत्येक साझेदार का हिस्सा करमुक्त होता है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइलिंग के दौरान हर स्रोत से हुई आमदनी का उल्लेख करना होता है। जानकारी के अभाव में काफी सारे लोग कुछ ऐसी आय को छुपा लेते हैं जिन पर कर देनदारी बनती ही नहीं है। हम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको कुछ ऐसे स्रोत से हुई आमदनी के बारे में जानकारी दे रहे हैं जो कि कर के दायरे में नहीं आती हैं।
कृषि आय (agricultural income): कृषि से होने वाली आय करमुक्त होती है। लेकिन, करयोग्य आय पर आयकर की दरें निर्धारित करने के लिए कृषि से होने वाली कुल आय, यदि वह 5000 रुपए से अधिक हो, को ध्यान में रखा जाता है।
साझेदारी फर्म की आय में साझेदार का हिस्सा (Partner's Share Income): यदि साझेदारी फर्म का कर निर्धारण अलग से हो चुका है, तो फर्म की कुल आय में से प्रत्येक साझेदार का हिस्सा करमुक्त होता है। प्रत्येक साझेदार का हिस्सा फर्म की करयोग्य आय को partnership deed में लिखी profit sharing ratio में बांटकर निकाला जाएगा।
गिफ्ट: अगर आप किसी को भेंट स्वरूप नकद रुपए देते हैं तो भी यह करमुक्त होता है। लेकिन इसमें भी एक सीमा है। मान लीजिए कि अगर आप किसी गैर परिचित व्यक्ति को 50,000 रुपए तक का गिफ्ट देते हैं तो यह आयकर की धारा 56(2)(7) के अंतर्गत करमुक्त होता है, लेकिन इससे ऊपर की आय पर आपको कर देना होगा, लेकिन अगर गिफ्ट प्राप्त करने वाला व्यक्ति आपका परिचित है तो इसमे कोई भी सीमा नहीं है।
हिंदू अविभाजित परिवार: हिंदु अविभाजित परिवार (HUF) सदस्यों को मिलने वाली रकम, जो परिवार की इनकम से दी गई हो वह टैक्स फ्री होती है। साथ ही अविभाजित संपत्ति की स्थिति में परिवार की संपत्ति में से होने वाली इनकम से दी गई रकम भी टैक्स के दायरे से बाहर होती है।
अन्य: भारतीय नागरिकों को विदेश में मिलने वाली सर्विसेज के लिए सरकार की ओर से विदेश में मिले या मिलने वाले भत्तों या अनुलाभों पर आयकर की धारा 80 (B) के अंतर्गत टैक्स से छूट मिलती है।