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ITR 2018: टैक्सपेयर कृपया ध्यान दें, सहज फॉर्म के बारे में कितना जानते हैं आप?

आईटीआर-1 फॉर्म को सहज फॉर्म कहा जाता है। यह फॉर्म व्यक्तिगत (इंडिविजुअल) करदाताओं के लिए होता है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 04 Jul 2018 02:33 PM (IST)Updated: Sun, 08 Jul 2018 10:29 AM (IST)
ITR 2018: टैक्सपेयर कृपया ध्यान दें, सहज फॉर्म के बारे में कितना जानते हैं आप?
ITR 2018: टैक्सपेयर कृपया ध्यान दें, सहज फॉर्म के बारे में कितना जानते हैं आप?

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त वर्ष 2017-18 (आकलन वर्ष 2018-19) के लिए आईटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) फाइल करने को अब सिर्फ कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में अंतिम समय में हड़बड़ाहट में आईटीआर फाइल करने से करदाताओं को बचना चाहिए, क्योंकि इससे आपकी मुश्किलें बढ़ सकती है। ध्यान रखें आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2018 है।

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आयकर विभाग ने रिटर्न की प्रक्रिया को काफी आसान बना दिया है, जिसके बाद अब करदाता आसानी से अपनी रिटर्न फाइल कर सकते हैं। आयकर विभाग ने लोगों को उनकी आमदनी के हिसाब से अलग अलग श्रेणियों में बांटा है। ऐसे में अगर आपको सैलरी या पेंशन एवं एक अचल संपत्ति या अन्य स्रोत से 50 लाख तक की सालाना आय होती है तो आपको आईटीआर का फॉर्म नंबर 1 भरना होगा जिसे फॉर्म सहज कहा जाता है। आपको सहज के बारे में काफी सारी चीजें पता होनी चाहिए...

सहज फॉर्म से कौन फाइल कर सकता है आईटीआर?

आईटीआर-1 फॉर्म को सहज फॉर्म कहा जाता है। यह फॉर्म व्यक्तिगत (इंडिविजुअल) करदाताओं के लिए होता है और इसे 50 लाख रुपए से कम की आय वाले करदाता ही भर सकते हैं। इसमें नौकरी से होने वाली आय, हाउस प्रॉपर्टी (सिर्फ एक घर) से होने वाली आय और अन्य आय (ब्याज एवं कमीशन से होने वाली आय) शामिल होती है।

इनकम टैक्स रिटर्न के लिए कैसे फाइल कर सहज फॉर्म?

  • आपको इनकम टैक्स की वेबसाइट incometaxindiaefiling.gov.in पर जाना होगा और यहां पर अपने अकाउंट पर लॉग इन करना होगा।
  • यहां पर आईटीआर-1 को सिलेक्ट करें और फिर मांगी गई डिटेल भर दें।
  • अपने इनकम टैक्स को ऑनलाइन कैलकुलेट करें।
  • अपने टैक्स का ऑनलाइन भुगतान करें।
  • अब अपलोड ककरें और ऑनलाइन वेरिफाई करें।

पेपर फॉर्म में कौन भर सकता है इनकम टैक्स रिटर्न?

जो करदाता बीते वित्त वर्ष के दौरान 80 या 80 वर्ष की उम्र को पार कर चुके हैं, या फिर ऐसे करदाता जो कि हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (एचयूएफ) श्रेणी में आते हैं और जिनका सालाना आय 5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं है, साथ ही जिन्होंने किसी भी रिफंड के लिए क्लेम नहीं किया है वो पेपर फॉर्म में अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं।


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