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ऑटोमोबाइल इंडस्‍ट्री की दिक्‍कतें होंगी दूर, रेलवे ने बढ़ाया मदद का हाथ

उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल ने ऑटोमोबाइल क्षेत्र सहयोग बढ़ाने के लिए साल 2021-22 में विशेष रूप से फरुखनगर गुड़गांव डी.सी.टी. ओखला और फरीदाबाद सहित प्रमुख टर्मिनलों पर रेक की लोडिंग और अनलोडिंग के लिए तैयार किया है।

By Ashish DeepEdited By: Published: Sat, 25 Dec 2021 01:10 PM (IST)Updated: Sat, 25 Dec 2021 02:11 PM (IST)
ऑटोमोबाइल इंडस्‍ट्री की दिक्‍कतें होंगी दूर, रेलवे ने बढ़ाया मदद का हाथ
लोडिंग और अनलोडिंग के मामले में रेलवे के माध्यम से ऑटोमोबाइल परिवहन में भारी वृद्धि हुई है।

नई दिल्‍ली, आइएएनएस। उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल ने ऑटोमोबाइल क्षेत्र सहयोग बढ़ाने के लिए साल 2021-22 में विशेष रूप से फरुखनगर, गुड़गांव, डी.सी.टी. ओखला और फरीदाबाद सहित प्रमुख टर्मिनलों पर रेक की लोडिंग और अनलोडिंग के लिए तैयार किया है। रेलवे के अनुसार टर्मिनलों पर रेक की लोडिंग और अनलोडिंग के मामले में रेलवे के माध्यम से ऑटोमोबाइल परिवहन में भारी वृद्धि हुई है।

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ऑटोमोबाइल उद्योगों ने विश्वास व्यक्त किया है कि वे अपने सभी ऑटोमोबाइल परिवहन जरूरतों को रेलवे में स्थानांतरित करने की उम्‍मीद कर रहे हैं। साल 2021-22 में विशेष रूप से फरुखनगर, गुड़गांव, डी.सी.टी. ओखला और फरीदाबाद सहित प्रमुख टर्मिनलों पर रेक की लोडिंग और अनलोडिंग के मामले में रेलवे के माध्यम से ऑटोमोबाइल परिवहन में भारी वृद्धि हुई है, जो 2021-2022 (नवंबर तक) में 385 रेकों की लोडिंग रही। जबकि साल 2020-2021 में यहां 234 रेक लोड किए गए हैं। साथ ही, दिल्ली मंडल में 21 नवंबर तक 272 आगत रेकों को अनलोड किया गया है।

खास बात यह रही कि दिल्ली मंडल ने अपने ग्राहकों को माल की लोडिंग-अनलोडिंग के और अधिक विकल्प प्रदान करने के लिए 2 फरवरी 2021 को एक नया टर्मिनल डी.सी.टी. ओखला से जोड़ा था। इसके बाद मार्च 2021 में पहले रेक के संचालन के बाद से, डी.सी.टी. ने 106 रेकों (नवंबर 21 तक) का संचालन किया है।

इस मसले पर दिल्ली रेल मंडल के प्रबंधक, डिम्पी गर्ग ने कहा कि ग्राहकों के साथ बातचीत करने और ग्राहकों की जरूरतों को समझने के लिए मंडल स्तर पर एक समर्पित बिजनेस डेवलपमेंट टीम बनाई गई है, ताकि रेलवे को अतिरिक्त ट्रैफिक मिल सके। विभिन्न टर्मिनलों से लोडिंग क्षमता बढ़ाने के लिए रेलवे द्वारा व्यापारियों को स्टॉक की वैकल्पिक उपलब्धता की पेशकश की जा रही है। हालांकि इससे पहले रेलवे के जरिए कुल ऑटोमोबाइल ट्रांसपोर्टेशन 2013-14 में 429 रैक था। जोकि साल 2019-20 में बढ़कर 1,595 रैक हो गया है।


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