इन देशों में वैलिड है भारत में बना ड्राइविंग लाइसेंस, बेफिक्र होकर करें ड्राइविंग
आइए जानते हैं किन देशों में भारत में बना ड्राइविंग लाइसेंस वैध है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आप भारत में बने ड्राइविंग लाइसेंस पर विदेशों की सड़कों पर भी गाड़ी दौड़ा सकते हैं। जी हां, कई देश ऐसे हैं जहां ड्राइविंग करने के लिए इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत नहीं होती है। इन देशों में आप भारत में बने ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर ड्राइव सकते हैं। इसके लिए लाइसेंस का इंग्लिश या उस देश की भाषा में होना जरूरी है। आइए जानते हैं किन देशों में भारत में बना ड्राइविंग लाइसेंस वैध है।
अमेरिका - अमेरिका में भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस एक साल तक वैध है। इसका इंग्लिश में होना जरूरी है।
ब्रिटेन - यहां एक साल तक भारत में बना ड्राइविंग लाइसेंस वैध है। इस लाइसेंस से आप स्कॉटलैंड, वेल्स और इंग्लैंड में गाड़ी चला सकते हैं। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तों का पालन करना पड़ता है।
ऑस्ट्रेलिया - यहां के न्यू साउथ वेल्स, क्वींसलैंड में तीन महीने तक भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि आपका ड्राइविंग लाइसेंस अंग्रेजी भाषा में हो।
न्यूजीलैंड - न्यूजीलैंड में अंग्रेजी में बना भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस वैध है। अगर यह अंग्रेजी में नहीं है तो इसे न्यूजीलैंड की किसी वैलिड भाषा में ट्रांसलेटेड होना चाहिए।
फ्रांस - फ्रांस में भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस एक साल तक वैध है। इसके लिए इसे फ्रांस की किसी वैध भाषा में होना जरूरी है।
स्विट्जरलैंड - बाकी देशों की तरह यहां भी भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस से एक साल तक ड्राइविंग की जा सकती है और इसका अंग्रेजी भाषा में होना जरूरी है।
जर्मनी - यहां भारत में बने ड्राइविंग लाइसेंस के जरिए 6 महीने तक ड्राइविंग करने की सुविधा देता है।
दक्षिण अफ्रीका - दक्षिण अफ्रीका में एक साल तक भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस वैध है। इसके लिए लाइसेंस को इंग्लिश में होना जरूरी है। दक्षिण अफ्रीका के अलावा मॉरीशस में भी भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस के जरिए ड्राइविंग की इजाजत है।