इन फैक्टर्स के आधार पर तय होता है आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम
बीमा कंपनियां हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम तय करते समय कई फैक्टर्स का ध्यान रखती हैं।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अगर आप हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेने की योजना बना रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है। बीमा कंपनियां हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम तय करते समय कई फैक्टर्स का ध्यान रखती हैं। आज हम आपको उन्हीं फैक्टर्स के बारे में बता रहे हैं जिससे आपका इंश्योरेंस प्रीमियम तय होता है।
उम्र
हेल्थ इंश्योरेंस में उम्र महत्वपूर्ण फैक्टर होती है। बीमाधारक की उम्र जितनी ज्यादा होगी, उसका इंश्योरेंस प्रीमियम उतना ही ज्यादा होगा। वहीं कम उम्र के बीमाधारक के लिए यह कम होगा।
पॉलिसी की अवधि
बाकी इंश्योरेंस प्रीमियम की तरह हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम भी पॉलिसी की अवधि पर निर्भर होता है। अगर आपकी हेल्थ पॉलिसी की अवधि कम है तो आपको ज्यादा प्रीमियम देना पड़ेगा वहीं अगर लंबी अवधि के लिए आपने इंश्योरेंस लिया है तो आपको प्रीमियम कम देना पड़ेगा।
मेडिकल हिस्ट्री
हेल्थ इंश्योरेंस के समय आपकी मेडिकल हिस्ट्री भी काफी मायने रखती है। स्वस्थ व्यक्ति के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम कम होगा, वहीं अगर बीमाधारक को कोई बीमारी है तो उसको ज्यादा प्रीमियम देना होगा। साथ ही अगर किसी बीमारी की इलाज चल रहा है तो उस स्थिति में भी प्रीमियम ज्यादा होगा।
वर्क एन्वायरनमेंट
बीमाधारक जिस तरह के माहौल के काम करता है उसी हिसाब से इंश्योरेंस प्रीमियम तय होता है। अगर आपका काम ज्यादा तनाव वाला है तो आपको ज्यादा प्रीमियम देना होगा। इसके अलावा अगर आप सेहत के लिए खराब माने जाने वाले वातावरण में काम करते हैं तो भी प्रीमियम अधिक देना होगा।
क्लेम नहीं लेने पर मिल सकती है प्रीमियम में छूट
अगर आपके पास पहले से कोई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है और आपने उस पर कई सालों से कोई क्लेम नहीं लिया है तो आपको छूट मिल सकती है। कई कंपनियां ऐसे बीमाधारकों को प्रीमियम में छूट देती है। इसका मतलब यह है कि आपको सामान्य प्रीमियम से कुछ कम भुगतान करना पड़ सकता है।