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Year Ender 2018: जानें शेयर मार्केट में LTCG टैक्स के किस बदलाव ने बढ़ाई निवेशकों की चिंता

वित्त मंत्री के बजट 2018 में एलटीसीजी टैक्स का जिक्र आया था जिसने निवेशकों को परेशान कर दिया

By Praveen DwivediEdited By: Published: Fri, 21 Dec 2018 04:57 PM (IST)Updated: Sun, 23 Dec 2018 06:33 PM (IST)
Year Ender 2018: जानें शेयर मार्केट में LTCG टैक्स के किस बदलाव ने बढ़ाई निवेशकों की चिंता
Year Ender 2018: जानें शेयर मार्केट में LTCG टैक्स के किस बदलाव ने बढ़ाई निवेशकों की चिंता

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। एक फरवरी 2018 को जब देश के केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली अपना आखिरी पूर्णकालिक बजट (वर्तमान सरकार का) पेश कर रहे थे, तब देश की जनता टैक्स राहत के लिए उन्हें टकटकी लगाए सुन रही थी। लेकिन बजट में आए LTCG टैक्स शब्द के जिक्र ने शेयर बाजार के निवेशकों को झटका दे दिया। इसके मुताबिक 1 अप्रैल 2018 से या उसके बाद से शेयर मार्केट में हुए एक लाख से ज्यादा के मुनाफे पर अब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा जो कि 10 फीसद का होगा। सबसे पहले समझिए आखिर क्या होता है लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स।

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क्या होता है कैपिटल गेन टैक्स?

कोई भी प्रॉफिट या लाभ जो कि किसी कैपिटल एसेट्स (पूंजीगत परिसंपत्ति) की बिक्री के जरिए प्राप्त किया जाता है उसे कैपिटल गेन कहा जाता है। इस लाभ या मुनाफे पर उस वर्ष कर देनदारी बनती है जब संपत्ति का लेनदेन हुआ हो। हालांकि, पैतृक परिसंपत्तियों पर कैपिटल गेन टैक्स लागू नहीं होता है। क्योंकि, ऐसे मामलों में बिक्री नहीं शामिल होती है बल्कि संपत्तियों का स्थानांतरण होता है। हालांकि, अगर कोई व्यक्ति ऐसी किसी संपत्ति की बिक्री करता है जो कि उसे पैतृक रूप से मिली है। तो उस पर उसे कैपिटल गेन टैक्स देना होगा।

कब-कब लगता है लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स:

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स एसेट्स (संपत्तियों), सोना और शेयर्स एवं सिक्युरिटी की बिक्री पर लागू होता है। हालांकि, इसकी शर्तें अलग अलग होती हैं।

  • प्रॉपर्टी पर क्या हैं नियम: अगर आप कोई प्रॉपर्टी खरीद कर 36 महीनों के बाद उसे किसी को बेचते हैं तो उस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लागू होगा।
  • सोने पर भी लागू होता है कैपिटल गेन टैक्स: सोने पर भी कैपिटल गेन टैक्स लागू होता है। मान लीजिए अगर आपके दादा ने आपको 4 किलो सोना दिया है तो यह आपका हो गया और आपको इस पर कोई भी टैक्स नहीं देना होगा, लेकिन अगर इसे आप किसी को बेचते हैं तो आपको कैपिटल गेन टैक्स देना होगा। इसकी अवधि भी 36 महीने यानी तीन वर्ष की है।
  • शेयर्स एंड सिक्युरिटी: अगर आप किसी शेयर या सिक्युरिटी को 12 महीने तक होल्ड करके रखते हैं और फिर उसे बेचते हैं तो उस पर भी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लागू होगा।

वर्ष 2018 के आम बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में क्या हुआ बदलाव, जिसने बढ़ाई निवेशकों की चिंता?

आपको जानकारी के लिए बता दें कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स पहले से ही लगता आ रहा है। यह सोना, प्रॉपर्टी और शेयर मार्केट तीनों पर लग रहा था। लेकिन, वर्ष 2018 के आम बजट में आयकर की धारा 10 (38) में बदलाव किया गया। यह बदलाव यह था कि शेयर्स एवं इक्विटी में हुए एक लाख तक के मुनाफे को टैक्स के दायरे में ले आया गया, जबकि पहले इतना कर छूट के दायरे में आता था।

क्या कहता है नियम?

आयकर की धारा 10 (38) के मुताबिक अगर आप किसी भी चल या अचल संपत्ति को नए वित्त वर्ष से एक दिन पहले भी बेच देते हैं तो यह लागू नहीं होगा। उसके बाद इस पर दो शर्तें लगेंगी।

  • 1 लाख से ज्यादा प्रॉफिट पर लागू होगा-10 फीसद
  • 1 लाख से कम प्रॉफिट पर नहीं लागू होगा

कैसे बचा सकते हैं लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स:

आयकर की धाराओं के तहत कैपिटल गेन टैक्स बचाने की सुविधाएं भी दी गई हैं। आयकर की धारा 54, 54EC और 54F इस मामले में करदाताओं की मदद कर सकती हैं। 54EC के बारे में हम ऊपर बात कर चुके हैं।

  • अगर आप किसी अचल संपत्ति (हाउस प्रॉपर्टी) की बिक्री करते हैं तो उसके लिए सेक्शन 54 की मदद ले सकते हैं।
  • सेक्शन 54F की मदद से आप हाउस प्रॉपर्टी के अलावा अन्य एसेट्स की बिक्री पर कर छूट का लाभ ले सकते हैं।

यह भी पढ़ें: अब आप LTCG टैक्स की स्टेटमेंट भी कर सकते हैं हासिल, जानिए कैसे


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