तंबाकू उत्पादों की तस्करी से सरकार को लग रहा अरबों का चूना, कई देशों से होती है सिगरेट की तस्करी
चीन इंडोनेशिया दक्षिण कोरिया व यूएई जैसे देशों से भारी मात्रा में सिगरेट की तस्करी होती है। सीबीआईसी के मुताबिक सिगरेट पीना नुकसानदायक है लेकिन तस्करी वाली सिगरेट और ज्यादा खतरनाक हो सकती है क्योंकि हो सकता है यह घटिया किस्म के उत्पादों से तैयार किया गया हो।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। तंबाकू उत्पादों की तस्करी से सरकार को राजस्व का भारी नुकसान होने के साथ रोजगार भी प्रभावित हो रहा है। स्मगलिंग एक्टिविटीज डिस्ट्रॉयिंग दि इकोनॉमी (कासकेड) पर औद्योगिक संगठन फिक्की की रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2019-20 में तंबाकू उत्पादों की तस्करी से 13,331 करोड़ रुपए के राजस्व होने का अनुमान लगाया गया है। सबसे अधिक सिगरेट की तस्करी होती है।
तस्करी वाली सिगरेट और ज्यादा खतरनाक
रिपोर्ट के मुताबिक तंबाकू उत्पादों के अवैध कारोबार का आकार वित्त वर्ष 2020-21 में 22,930 करोड़ रुपए का था और सिगरेट पर टैक्स अधिक होने से सिगरेट की तस्करी में बढ़ोतरी की आशंका है। अभी सिगरेट पर 52 फीसद से अधिक टैक्स लगता है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने पिछले साल अवैध सिगरेट पर कार्रवाई के बाद बताया था कि तस्करी से आने वाली सिगरेट टैक्स देने के वैध रूप से बिकने वाली सिगरेट से पांच गुना सस्ती होती है।
सीबीआईसी के मुताबिक चीन, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया व यूएई जैसे देशों से भारी मात्रा में सिगरेट की तस्करी होती है। सीबीआईसी के मुताबिक सिगरेट पीना नुकसानदायक है, लेकिन तस्करी वाली सिगरेट और ज्यादा खतरनाक हो सकती है क्योंकि हो सकता है यह घटिया किस्म के उत्पादों से तैयार किया गया हो। अवैध रूप से बिकने वाली सिगरेट पर स्वास्थ्य संबंधी कोई चेतावनी भी नहीं होती है।
भारत के बाजार में अवैध रूप से आने वाले 100 से अधिक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड प्रचलित है। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया फार्मर्स एसोसिएशन ने बताया कि डीआरआई की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में 93 करोड़ रुपए की अवैध सिगरेट जब्त की गई। लेकिन यह अवैध तंबाकू उत्पादों के कारोबार के आकार के मुकाबले काफी कम है।
लाखों लोगों को मिल सकती हैं नौकरी मिल सकती
वित्त वर्ष 2019-20 में भारत में तंबाकू उत्पादों का अवैध कारोबार 22,930 करोड़ रुपए का था। एसोसिएशन के अध्यक्ष जावेरे गौड़ा के मुताबिक वैध सिगरेट पर टैक्स कम करने से तस्करी में कमी के साथ सरकार को राजस्व का फायदा होगा।
घरेलू सिगरेट उद्योग पर निर्भर रहने वाले सैकड़ों तंबाकू किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि सस्ती होने से अवैध सिगरेट की मांग लगातार बढ़ती जा रही है।फिक्की कासकेड के सलाहकार एवं सीबीआईसी के पूर्व चेयरमैन पी.सी. झा ने बताया कि अगर ये अवैध कारोबार बंद हो जाए तो वैध रूप से तंबाकू उत्पादों के निर्माण में 3.70 लाख लोगों को नौकरी मिल सकती है।
वैश्विक मंच पर तस्करी के मुद्दे को उठाने की मांग
थिंक चेंज फोरम ने अवैध रूप से आने वाले तंबाकू उत्पादों की तस्करी पर रोक के लिए सरकार से इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र और जी-20 जैसे वैश्विक प्लेटफार्म पर उठाने की मांग की है। थिंक चेंज फोरम अपने रिसर्च से विभिन्न मुद्दों पर सरकार को सलाह देने का काम करता है। फोरम के मुताबिक जिन देशों में इन वस्तुओं पर अधिक टैक्स है, वहां इन वस्तुओं की सबसे अधिक तस्करी होती है।
फोरम के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ तंबाकू उत्पादों की तस्करी से दुनिया के कई देशों को सालाना 40.5 अरब डॉलर के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है। तस्करी पर नियंत्रण से वर्ष 2030 के बाद मध्य व कम आय वाले देशों में प्रतिवर्ष 1,64,000 समय पूर्व होने वाली मौत भी रोकी जा सकती है। क्योंकि तंबाकू उत्पादों की तस्करी मुख्य रूप से इन्हीं देशों में होती है।
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