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महंगे हो सकते हैं प्याज, सरकार ने बनाना शुरू किया 50,000 टन का बफर स्टॉक

केंद्र सरकार को आशंका है कि प्याज उत्पादक राज्यों में सूखे की स्थिति के कारण आने वाले महीनों में प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Tue, 04 Jun 2019 06:03 PM (IST)Updated: Tue, 04 Jun 2019 07:14 PM (IST)
महंगे हो सकते हैं प्याज, सरकार ने बनाना शुरू किया 50,000 टन का बफर स्टॉक
महंगे हो सकते हैं प्याज, सरकार ने बनाना शुरू किया 50,000 टन का बफर स्टॉक

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सरकार प्याज की कीमतों में वृद्धि की आशंका को देखते हुए भारी मात्रा में प्याज का स्टॉक करने जा रही है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, केंद्र सरकार को आशंका है कि प्याज उत्पादक राज्यों में सूखे की स्थिति के कारण आने वाले महीनों में प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।

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खाद्य मंत्रालय के अनुसार, आपात स्थिति की आशंका को देखते हुए सरकार ने 50,000 टन प्याज का बफर स्टॉक करना शुरू कर दिया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार को महाराष्ट्र के लासलगांव में स्थित एशिया के सबसे बड़े थोक बाजार में प्याज का थोक मूल्य 29 फीसदी बढ़कर 11 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। वहीं पिछले साल आज के ही दिन इस बाजार में प्याज का थोक मूल्य 8.50 रुपये प्रति किलोग्राम था।

राष्ट्रीय राजधानी में इस समय प्याज की कीमतें 20 से 25 रुपये प्रति किलोग्राम पर चल रही हैं। एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआइ को बताया कि, उत्पादक क्षेत्रों में सूखे की स्थिति के कारण रबी के प्याज का उत्पादन कम होने की उम्मीद है।

आधिकारिक सूत्रों की ओर से बताया गया है कि, प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड मैनेजमेंट कमेटी ने नेफेड को चालू रबी सीजन में 50,000 टन प्याज का स्टॉक करने के लिए कहा है। बताया जा रहा है कि 23 मई तक 32 हजार टन प्याज का स्टॉक हो चुका है।

अधिकारी ने बताया कि प्याज के अलावा सरकार इस साल 16.15 लाख टन दालों का भी बफर स्टॉक बना रही है। बता दें कि, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख प्याज उगाने वाले राज्य इस साल सूखे की स्थिति से गुजर रहे हैं। एक पूर्वअनुमान के अनुसार, जून में समाप्त होने वाले चालू फसल वर्ष 2018-19 में प्याज का उत्पादन 23.62 मिलियन टन होने का अनुमान है, जबकि, 2017-18 में यह 23.26 मिलियन टन हुआ था। हालांकि, उत्पादन पर सूखे के प्रभाव को देखते हुए इस अनुमान में बदलाव आने की उम्मीद है।

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